आधार से जुड़ेगा वोटर कार्ड, विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा में पास हुआ चुनाव सुधार बिल

सोमवार को लोकसभा में पास हुआ 'निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है

Updated: Dec 20, 2021, 11:18 AM IST

नई दिल्ली। विपक्ष के विरोध के बीच लोकसभा में 'निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ यानी चुनाव सुधार बिल पास हो गया। इस बिल में वोटर आईडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की बात है। कांग्रेस ने इसपर आपत्ति जताते हुए कहा है कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है।

सोमवार को लोकसभा में विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021 पेश किया। इसपर विपक्षी सांसदों ने जमकर विरोध किया। विपक्ष के विरोध पर किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष के दिए हुए तर्क उच्चतम न्यायालय के फैसले को गलत तरीके से पेश करने का प्रयास प्रतीत होते है। उधर कांग्रेस समेत अन्य दलों ने इस बिल को स्थायी संसदीय समिति के समक्ष पेश करने को कहा। हालांकि, शोर शराबे के बीच स्पीकर ने उसे पारित कर दिया।

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, 'देश में डाटा सुरक्षा कानून नहीं है और डाटा के दुरुपयोग किये जाने के भी मामले भी सामने आए हैं। हम इस विधेयक को वापस लिए जाने की मांग करते हैं। इसपर विचार करने के लिए संसद की स्थायी समिति में भेजा जाना चाहिए।'

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि, 'आधार को केवल आवास के प्रमाण के रूप में स्वीकार किया जा सकता है, यह नागरिकता का प्रमाण नहीं है। ऐसे में इसे मतदाता सूची से जोड़ना पूरी तरह से गलत है।' कांग्रेस के ही मनीष तिवारी ने कहा कि, 'इस प्रकार का विधेयक लाना सरकार की विधायी क्षमता से परे है। आधार कानून में भी कहा गया है कि इस प्रकार से आधार को नहीं जोड़ा जा सकता है।'

बता दें कि इस विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए वोटर कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। विधेयक में एक और प्रावधान ये है कि 18 साल के युवा साल में 4 बार वोटर के रूप में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। वर्तमान में साल में एक बार यानी एक जनवरी से पहले 18 साल के होने पर खुद को वोटर के रूप में रजिस्टर्ड कराने का प्रावधान है।