अडानी गेट कांड को लेकर ED ऑफिस तक 16 विपक्षी दलों का मार्च, पुलिस ने विजय चौक पर सांसदों रोका
अडानी मामले की जांच की मांग को लेकर विपक्ष के नेता प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर तक मार्च कर रहे थे। हालांकि, विजय चौक पर पुलिस ने उन्हें धारा 144 का हवाला देते हुए रोक लिया।

नई दिल्ली। विपक्ष एक बार फिर अडानी के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है। अडानी गेट कांड की जांच की मांग को लेकर 16 विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने बुधवार संसद भवन से ईडी दफ्तर के लिए मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने धारा 144 का हवाला देते हुए उन्हें विजय चौक पर ही रोक लिया। उन्हें बीच में ही रोके जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रोष जाहिर किया और विपक्ष पर कई आरोप लगाए।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल दागा कि आखिर अडानी ने 2.5 साल के भीतर लाखों और करोड़ रुपये कैसे कमाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। 200 लोगों को रोकने के लिए सरकार की तरफ से 2000 पुलिस कर्मीयों को भेजा गया। विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है।
JPC के मुद्दे पर सभी विपक्षी पार्टियाँ एकमत हैं।
— Mallikarjun Kharge (@kharge) March 15, 2023
मोदी जी के “परम मित्र” — अडानी से जुड़े महा-घोटाले की जाँच के लिये हम ED को विस्तृत पत्र सौंपने जा रहें हैं। लेकिन सरकार हमें रोक रही है।
विपक्षी पार्टियों पर लगातार छापे मारने वाली ED, मोदी जी के मित्र का पता क्यों भूल गई है ? pic.twitter.com/KiuaOaqR0a
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने शिकायती पत्र शेयर किया है जो विपक्षी दल ईडी दफ्तर में सौंपने जा रहे थे। जयराम रमेश ने बताया कि पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद यह पत्र ईडी को ई-मेल के माध्यम से भेजा गया है। पत्र में विपक्ष ने कई अडानी ग्रुप को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया है कि अडानी समूह द्वारा विदेशों में भी कई सेल कंपनियां संचालित की जा रही है। पत्र में समाजवादी पार्टी, जनता दल (यू), नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआई, डीएमके, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं।
ईडी को अडानी घोटाले की जांच की मांग का शिकायती पत्र सौंपने जा रहे 16 विपक्षी दलों के नेताओं और सांसदों को आज दोपहर ईडी के कार्यालय तक जाने से रोक दिया गया।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 15, 2023
यह वह पत्र है, जिसे ईडी को ईमेल किया गया है। pic.twitter.com/u9XGWOmE2V
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अडानी कांड और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार से सवाल पूछे हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को एलारा नाम की एक विदेशी इकाई पर सवाल उठाकर अडानी समूह और सरकार पर एक नया हमला बोला। राहुल ने आरोप लगाया कि भारत का मिसाइल और रडार अपग्रेड कॉन्ट्रैक्ट अडानी के स्वामित्व वाली एक कंपनी और एलारा नामक एक संदिग्ध विदेशी संस्था को दिया गया है।
India's missile & radar upgrade contract is given to a company owned by Adani & a dubious foreign entity called Elara.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 15, 2023
Who controls Elara? Why is India's national security being compromised by giving control of strategic defence equipment to unknown foreign entities? pic.twitter.com/DJIw7rxPB8
राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा, 'भारत का मिसाइल और रडार अपग्रेड कॉन्ट्रैक्ट अदानी के स्वामित्व वाली एक कंपनी और एलारा नामक एक संदिग्ध विदेशी संस्था को दिया गया है। एलारा को कौन नियंत्रित कर रहा है? अज्ञात विदेशी संस्थाओं को रणनीतिक रक्षा उपकरणों का नियंत्रण देकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता क्यों किया जा रहा है?'
देश के एक प्रमुख अखबार ने मॉरीशस की एक संदिग्ध कंपनी की अडानी ग्रुप की फर्म के साथ मालिकाना साझेदारी का खुलासा किया। अडानी ग्रुप की इस फर्म को ISRO-DRDO व रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण ठेके मिले हुए हैं।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) March 15, 2023
लेकिन, प्रधानमंत्री जी न संसद में इस पर चर्चा चाहते हैं, न कोई जांच। क्यों? pic.twitter.com/COLXCnhDQb
प्रियंका गांधी ने भी इस मामले पर ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा, 'देश के एक प्रमुख अखबार ने मॉरीशस की एक संदिग्ध कंपनी की अडानी ग्रुप की फर्म के साथ मालिकाना साझेदारी का खुलासा किया। अडानी ग्रुप की इस फर्म को ISRO-DRDO व रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण ठेके मिले हुए हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री जी न संसद में इस पर चर्चा चाहते हैं, न कोई जांच। क्यों?'