अडानी गेट कांड को लेकर ED ऑफिस तक 16 विपक्षी दलों का मार्च, पुलिस ने विजय चौक पर सांसदों रोका

अडानी मामले की जांच की मांग को लेकर विपक्ष के नेता प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर तक मार्च कर रहे थे। हालांकि, विजय चौक पर पुलिस ने उन्हें धारा 144 का हवाला देते हुए रोक लिया।

Updated: Mar 15, 2023, 03:53 PM IST

नई दिल्ली। विपक्ष एक बार फिर अडानी के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमलावर हो गया है। अडानी गेट कांड की जांच की मांग को लेकर 16 विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने बुधवार संसद भवन से ईडी दफ्तर के लिए मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने धारा 144 का हवाला देते हुए उन्हें विजय चौक पर ही रोक लिया। उन्हें बीच में ही रोके जाने पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रोष जाहिर किया और विपक्ष पर कई आरोप लगाए।

मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल दागा कि आखिर अडानी ने 2.5 साल के भीतर लाखों और करोड़ रुपये कैसे कमाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। 200 लोगों को रोकने के लिए सरकार की तरफ से 2000 पुलिस कर्मीयों को भेजा गया। विपक्ष को डराने की कोशिश की जा रही है। 

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने शिकायती पत्र शेयर किया है जो विपक्षी दल ईडी दफ्तर में सौंपने जा रहे थे। जयराम रमेश ने बताया कि पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद यह पत्र ईडी को ई-मेल के माध्यम से भेजा गया है। पत्र में विपक्ष ने कई अडानी ग्रुप को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें कहा गया है कि अडानी समूह द्वारा विदेशों में भी कई सेल कंपनियां संचालित की जा रही है। पत्र में समाजवादी पार्टी, जनता दल (यू), नेशनल कॉन्फ्रेंस, सीपीआई, डीएमके, राष्ट्रीय जनता दल और अन्य प्रमुख राजनीतिक दलों के नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी अडानी कांड और राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर मोदी सरकार से सवाल पूछे हैं। राहुल गांधी ने बुधवार को एलारा नाम की एक विदेशी इकाई पर सवाल उठाकर अडानी समूह और सरकार पर एक नया हमला बोला। राहुल ने आरोप लगाया कि भारत का मिसाइल और रडार अपग्रेड कॉन्ट्रैक्ट अडानी के स्वामित्व वाली एक कंपनी और एलारा नामक एक संदिग्ध विदेशी संस्था को दिया गया है।

राहुल गांधी ने एक ट्वीट में लिखा, 'भारत का मिसाइल और रडार अपग्रेड कॉन्ट्रैक्ट अदानी के स्वामित्व वाली एक कंपनी और एलारा नामक एक संदिग्ध विदेशी संस्था को दिया गया है। एलारा को कौन नियंत्रित कर रहा है? अज्ञात विदेशी संस्थाओं को रणनीतिक रक्षा उपकरणों का नियंत्रण देकर भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता क्यों किया जा रहा है?'

प्रियंका गांधी ने भी इस मामले पर ट्वीट कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने लिखा, 'देश के एक प्रमुख अखबार ने मॉरीशस की एक संदिग्ध कंपनी की अडानी ग्रुप की फर्म के साथ मालिकाना साझेदारी का खुलासा किया। अडानी ग्रुप की इस फर्म को ISRO-DRDO व रक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण ठेके मिले हुए हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री जी न संसद में इस पर चर्चा चाहते हैं, न कोई जांच। क्यों?'