सुर्ख हसरतें दिल में पाले कुछ चमकीले पीले फूल
छुप कर देखें लाल गुलाबों को चमकीले पीले फूल
1. सुर्ख हसरतें दिल में पाले कुछ चमकीले पीले फूल
सुर्ख हसरतें दिल में पाले कुछ चमकीले पीले फूल 
छुप कर देखें लाल गुलाबों को चमकीले पीले फूल 
जड़ से नाता शाख से रिश्ता तोड़े बैठे पीले फूल 
लाल गुलाबों की चाहत में बैरागी से पीले फूल 
सुर्ख गुलाबों ने कहलाया है 'क्या मिलने आओगे '
उतावलेपन में झर जाते पत्ती-पत्ती, पीले फूल 
तोहफे में क्या लेकर जाएँ बड़ी फिकर में पीले फूल 
खुद को गुच्छों में बंधवाकर सांस रोके मेरे पीले फूल 
लौटे जब महबूब से मिलके कांटे बिंध, हाय ! पीले फूल 
गाल गुलाबों के रंग पीला लगा के आये पीले फूल 
इश्क में खोने-पाने से अनजान रहे ये पीले फूल 
चाँद मुलाकातों में कितने महके शपा के पीले फूल
- शर्मिष्ठा पाण्डेय की कविता




 
                             
                     
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
         
                                    
                                 
                                     
                                     
                                     
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								 
								