जी भाईसाहब जी: ज्योतिरादित्य सिंधिया की पिच पर बीजेपी सांसद की गुगली
MP Politics: जिस तरह मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन राजनीति से अछूता नहीं है उसी तरह एमपीएल सिंधिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट भी राजनीति की फिरकी में उलझ गया है। फिरकी इसलिए कि सिंधिया परिवार के इस आयोजनों के समानांतर एक और क्रिकेट टूर्नामेंट हो रहा है।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का क्रिकेट से नाता जग जाहिर है। एमपी क्रिकेट एसोसिएशन में बीते पांच दशकों से सिंधिया परिवार का वर्चस्व है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ ही उनके पुत्र महाआर्यमन सिंधिया भी एमपीसीए के सदस्य बन चुके हैं। महाआर्यमन की ही पहल पर एमपीएल सिंधिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट का दूसरा चरण ग्वालियर में 12 से 24 जून तक आयोजित किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया क्रिकेट टूर्नामेंट के प्रमोशन में व्यस्त हैं।
जिस तरह मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन राजनीति से अछूता नहीं है उसी तरह एमपीएल सिंधिया कप क्रिकेट टूर्नामेंट भी राजनीति की फिरकी में उलझ गया है। फिरकी इसलिए कि सिंधिया परिवार के इस आयोजनों के समानांतर एक और क्रिकेट टूर्नामेंट हो रहा है। यह टूर्नामेंट कोई और नहीं बल्कि बीजेपी सांसद भारत सिंह कुशवाह करवा रहे हैं। यह टूर्नामेंट भी ग्वालियर में 5 जून से शुरू हो चुका है और 26 जून तक चलेगा।
सभी वाकिफ हैं कि जब से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ कर बीजेपी ज्वाइन की है, बीजेपी की अंदरूनी राजनीति में बीजेपी का एक समूह लगातार उनके प्रति आक्रामक हैं। इस समूह के एक सदस्य सांसद भारत सिंह कुशवाह भी हैं जो ग्वालियर में सिंधिया की राजनीति पर लगातार अटैक कर रहे हैं और यह समानांतर टूर्नामेंट भी उनकी गुगली ही है। यानी एक तरफ एमपीएल सिंधिया कप की चर्चा होगी तो दूसरी तरफ ग्वालियर के स्थानीय मैदान और खिलाडि़यों के बीच सांसद कप की चर्चा होगी।
बीजेपी विधायक सांसदों को मिलेगी चुप रहने की ट्रेनिंग
राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी अपने नेताओं के बयानों के कारण शर्मसार हुई है। पार्टी लाइन से अलग जा कर नेताओं द्वारा ऐसे बयान भी दिए गए कि पार्टी को अपने नेताओं तथा उनके बयानों से किनारा तक करना पड़ा। अपने सांसदों औेर विधायकों को पार्टी की रीति-नीति के अनुसार बोलने और काम करने का पाठ पढ़ाने जा रही है। इसके लिए 14, 15 और 16 जून को पचमढ़ी में प्रशिक्षण शिविर हो रहा है।
अन्य औपचारिकताओं के अलावा यह ट्रेनिंग कुछ खास बातों पर फोकस करेंगी। जैसे कि सांसद-विधायक सिखाया जाएगा कि वे सोशल मीडिया और मीडिया में स्थानीय, क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों कैसे और क्या बात करेंगे। उन्हें चुप रहना भी सिखाया जाएगा कि किन मुद्दों पर खामोश रहना है ताकि पार्टी की छिछालेदारी न हो। तय कार्यक्रम के अनुसार राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश सांसद-विधायकों को अन्य संगठनों, जनप्रतिनिधियों, अफसरों आदि के साथ बात करने के तरीके बताएंगे।
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व वकील केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव टाइम मैनेजमेंट का पाठ पढ़ाएंगे। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष का भाषण नहीं होगा बल्कि वे सांसदों और विधायकों के सवालों का जवाब देंगे और। कुल मिला कर तीन दिनों का उद्देश्य यह होगा कि नेताओं को बोलने और सलीके से व्यवहार करने के तरीके बताए जाएं ताकि कम से कम उनके व्यवहार के कारण पार्टी बदनाम न हो।
मूंग की खरीदी पर संघ और सरकार की खिचड़ी
मध्य प्रदेश गर्मी के मूंग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। पिछले साल यहां समर्थन मूल्य पर मूंग खरीद की गई थी लेकिन इस वर्ष अब तक खरीदी नहीं हुई है। पिछले वर्ष प्रदेश में 11.59 लाख हेक्टेयर में मूंग बोई गई थी, जबकि इस वर्ष यह बढ़कर 13.49 लाख हेक्टेयर हो गई है। नर्मदा किनारे के 16 जिले प्रमुख मूंग उत्पादक हैं। इस बार मूंग का कुल उत्पादन 21 लाख टन रहने का अनुमान है। ऐसे में मूंग की सरकारी खरीद न होने से किसान परेशान हैं।
किसानों को उम्मीद थी कि केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें मदद मिलेगी लेकिन सरकार ने कोई पहल नहीं की है। बल्कि, इंदौर में रबी एवं खरीफ 2025 की फसल के कार्यक्रम निर्धारण के लिए आयोजित संभागीय बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक वर्णवाल ने साफ कर दिया था कि मुख्यमंत्री मोहन यादव पहले ही बता चुके हैं, कि किसान मूंग में बीड़ी पेस्टिसाइड का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो ठीक नहीं है। इस कारण मूंग की सरकारी खरीद नहीं होगी।
प्रदेश सरकार हर साल मूंग की समर्थन मूल्य पर खरीद करती रही है, जिससे बोवनी में वृद्धि हुई है। अब सरकार ने खरीदी से इंकार कर दिया है तो किसान विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं। जिलों में चल रहे आंदोलन को विपक्ष कांग्रेस का साथ मिला है। किसान और कांग्रेस को जगह-जगह आंदोलन करता देख भारतीय किसान संघ भी मैदान में कूद गया है। किसान संघ ने भी मूंग की सरकारी खरीद के लिए प्रदर्शन शुरू कर दिया है। इसका राजनीतिक उद्देश्य भी यही है कि सरकार को घेर रहे किसानों के साथ विपक्ष ही क्यों खड़ा रहे। यदि इस पर कोई फैसला होना है तो इसका श्रेय भारतीय किसान संघ को मिलना चाहिए, किसी ओर को नहीं।
बीजेपी नेताओं के झगड़े में कांग्रेस का उद्घाटन दांव
विकास कार्य होता है तो उसका श्रेय लेने की होड़ भी होना स्वाभाविक है। प्रदेश में लंबे समय से बीजेपी की सरकार है और इस कारण पार्टी में वर्चस्व का संघर्ष बढ़ गया है। इस संघर्ष के कारण बीजेपी के नेताओं में विकास का श्रेय लेने की होड़ ज्यादा है। इसी होड़ के कारण विवाद की स्थिति भी बन जाती है। ताजा मामला जबलपुर का है। जबलपुर में प्रदेश का सबसे लंबा फ्लाईओवर बन कर तैयार है लेकिन इसका उद्घाटन नहीं हो पा रहा है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी नेताओं ने फ्लाईओवर निर्माण का श्रेय लेने की होड़ है। इस कारण काम पूरा होने के बाद भी फ्लाई ओवर का शुभारंभ नहीं किया जा रहा है।
इस खींचतान पर कांग्रेस ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपा है। कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि अगर चार दिनों के अंदर प्रशासन ने फ्लाईओवर का शुभारंभ नहीं किया, तो फिर कांग्रेस ही जनता के साथ मिलकर इसका लोकार्पण कर देगी। कांग्रेस ने तो जबलपुर में चार दिन का समय दिया है, प्रदेश में कई ऐसे मौके भी आए हैं जब सत्ता पक्ष में आपसी खींचतान को देख कर विपक्ष के नेताओं ने स्वयं उद्घाटन कर दिया या एक ही कार्य के दो-दो उद्घाटन हुए।