मोदी सरनेम केस: सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता पुर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को भेजा नोटिस

राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा है कि यदि सात जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे ‘स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य’ का दम घुट जाएगा।

Updated: Jul 21, 2023, 03:56 PM IST

नई दिल्ली। मोदी सरनेम केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी और गुजरात सरकार को नोटिस जारी किया है। उन्हें 10 दिन के भीतर जवाब देना होगा। मामले की अगली सुनवाई 4 अगस्त को होगी। मोदी सरनेम मानहानि केस में राहुल को 2 साल की सज़ा मिली है। इसके चलते उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई है। राहुल की सदस्यता तभी बहाल हो सकती है, जब उनकी दोषसिद्धि पर रोक लगे।

राहुल गांधी की याचिका शुक्रवार को जस्टिस बी आर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच में सुनवाई के लिए लगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक बड़ा रोचक वाकया देखने को मिला। सुनवाई की शुरुआत में जस्टिस गवई ने कहा कि उनके पिता के कांग्रेस पार्टी से करीबी संबंध थे। उनके भाई आज भी कांग्रेस के सदस्य हैं। ऐसे में दोनों पक्षों के वकील बताएं कि उन्हें सुनवाई करनी चाहिए या नहीं।

इसपर पूर्णेश मोदी के लिए पेश वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि उन्हें इस ओर कोई आपत्ति नहीं। राहुल गांधी के लिए पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने भी जेठमलानी से सहमति जताई। इसके बाद कोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए सुनवाई की अगली तारीख तय कर दी। राहुल गांधी की ओर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कहा है कि यदि सात जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे ‘स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य' का दम घुट जाएगा।

राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा कि यदि उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह लोकतांत्रिक संस्थानों को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा। उन्‍होंने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में अप्रत्याशित रूप से अधिकतम दो साल की सजा दी गई, जो अपने आप में दुर्लभतम है।

बता दें कि राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि "सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?" इस टिप्पणी को लेकर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।