53 करोड़ रुपए में हैक कर देंगे 63 सीटों की EVMs, महाराष्ट्र चुनाव के बीच सांसद को आया हैकर का कॉल
अमेरिकी रक्षा विभाग की तकनीक का इस्तेमाल करके ईवीएम हैक करने का दावा करने वाला सैयद शुजा महाराष्ट्र के नेताओं को फोन कर रहा है और उनकी पार्टी को ईवीएम हैक करके चुनाव जिताने का लालच दे रहा है।
मुंबई। महाराष्ट्र चुनाव के लिए वोटिंग में अब कुछ समय ही बचा है। चुनाव को लेकर राज्य का सियासी पारा हाई है। सभी दलों के नेताओं द्वारा प्रचार-प्रसार का दौर जारी है। इन सबके बीच इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM भी चर्चा है। वजह है ईवीएम की विश्वसनीयता। विपक्षी नेताओं द्वारा EVM पर कई बार संदेह जताई गई है। हालांकि अब एक हैकर की एंट्री हुई है जिसने 53 करोड़ रुपए में 63 सीटों की EVMs हैक करने का दावा किया है।
दरअसल, अमेरिकी रक्षा विभाग की तकनीक का इस्तेमाल करके ईवीएम हैक करने का दावा करने वाला सैयद शुजा महाराष्ट्र के नेताओं को फोन कर रहा है और उनकी पार्टी को ईवीएम हैक करके चुनाव जिताने का लालच दे रहा है। उसका दावा है कि वह अमेरिकी रक्षा विभाग में कॉन्ट्रेक्ट पर काम करता है।
हाल ही में उसने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के एक वरिष्ठ सांसद से संपर्क किया। इसके बाद सांसद ने मीडिया ग्रुप आजतक से बातचीत की और पूरा घटनाक्रम बताया। आजतक की एक जांच टीम ने सांसद के निजी सहायक के रूप में शुजा से संपर्क किया। इस दौरान शुजा ने बताया कि वह फ्रिक्वेंसी के साथ छेड़छाड़ कर चुनाव प्रभावित कर सकता है। उसने ईवीएम हैकिंग की प्रक्रिया बताते हुए कहा कि इसके लिए उसने 6.72 मिलियन डॉलर की डिमांड की जो 53 करोड़ रुपए के आसपास है।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब शुजा ने दावा किया है कि वह ईवीएम को हैक कर सकता है और एक पार्टी के पक्ष में मशीनों में हेराफेरी कर सकता है। इससे पहले 21 जनवरी, 2019 को सैयद शुजा ने लंदन में भारतीय पत्रकार संघ (आईजेए) द्वारा आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। यहां उसने वीडियो कॉल के ज़रिए कई विस्फोटक दावे किए थे। शुजा ने आरोप लगाया था कि उसने 2009 से 2014 तक इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) के साथ काम किया था और 2014 के लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल की गई ईवीएम को विकसित करने वाली टीम का हिस्सा था।
तब उसने कहा था कि इन मशीनों के साथ स्पेसिफिक फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करके छेड़छाड़ की जा सकती है, जिससे संभावित रूप से चुनाव परिणामों में हेरफेर हो सकता है। 2013 में इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के साथ काम करते हुए यह हैक विकसित किया गया था। शुजा के दावे ईवीएम हैकिंग के तकनीकी पहलुणा तक सीमित ही नहीं थे। उसने यह भी सनसनीखेज आरोप लगाया था कि 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के पक्ष में धांधली की गई थी।