भरोसे में मत रहना कि हमारी गली तक न आएगा
ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाए।
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा, 'साथियो, रमजान का भी पवित्र महीना शुरू हो चुका है। अब अवसर है इस रमजान को संयम, सद्भावना, संवेदनशीलता और सेवा-भाव का प्रतीक बनाएं। इस बार हम, पहले से ज्यादा इबादत करें ताकि ईद आने से पहले दुनिया कोरोना से मुक्त हो जाए।
While celebrating Ramzan the previous time, no one would have thought that there would be so many difficulties during Ramzan this time.
This time, let us pray that the world may be freed from the Coronavirus by the time of Id. pic.twitter.com/N0mMdxcCMy
— PMO India (@PMOIndia) April 26, 2020
'मन की बात' में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेरा आपसे आग्रह है कि अतिआत्मविश्वास न पालें कि शहर, गली में कोरोना पहुंचा नहीं है, इसलिए वह नहीं पहुंचेगा। लेकिन दुनिया का अनुभव कुछ और कह रहा है। इसे समझना होगा। नजर हटी, दुर्घटना घटी। हल्के में लेकर छोड़ी गई आग, कर्ज और बीमारी मौके पड़ते ही दोबारा उभर जाती है। इसलिए कोई लापरवाही न करें। फिर कहूंगा- दो गज दूरी बनाए रखें। अगली बार जब मन की बात में मिलूं तो दुनिया से अच्छी खबरें आएं। डॉक्टर हों, सफाईकर्मी हों या फिर अन्य सेवा करने वाले लोग हों। हमारी पुलिस-व्यवस्था को लेकर भी आम लोगों की सोच में काफी बदलाव आया है। हमारे पुलिसकर्मी गरीबों, जरूरतमंदो को खाना पंहुचा रहे हैं, दवा पंहुचा रहे हैं। ताली, थाली, दीया, मोमबत्ती, इन सारी चीजों ने जिन भावनाओं को जन्म दिया, जिस जज्बे से देशवासियों ने कुछ-न-कुछ करने की ठान ली है-हर किसी को इन बातों ने प्रेरित किया है। शहर हो या गांव, ऐसा लग रहा है जैसे देश में एक बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है, जिसमें हर कोई अपने योगदान के लिए आतुर है। हमारे किसान खेत में मेहनत कर रहे हैं ताकि कोई भूखा नहीं रहे। कोई मास्क बना रहा है, तो कोई क्वारैंटाइन में रहते हुए स्कूल की पुताई कर रहा है। कोई घर का किराया माफ कर रहा है। यह उमड़ता-घुमड़ता भाव ही कोरोना से लड़ाई को पीपल ड्रिवन (लोगों से संचालित) बना रहा है।
आदतें बदलें; मॉस्क लगाएं, कहीं भी थूकें नहीं
मोदी ने कहा कि कोविड ने हमारी जीवनशैली में जगह बनाई है। हमारी चेतना और समझ जागृत हुई है। इसमें मास्क पहनना और चेहरा ढंकना है। हमें इसकी आदत नहीं रही, लेकिन हो यही रहा है। अब आप खुद के साथ दूसरों को भी बचाना चाहते हैं तो मास्क जरूर पहनें। गमछा भी बेहतर है। सार्वजनिक स्थानों पर थूक देना गलत आदतों का हिस्सा था। हम हमेशा से इस समस्या को जानते थे, लेकिन यह खत्म नहीं हो रही थी। अब समय है कि थूकने की आदत छोड़ देनी चाहिए। यह बेसिक हाईजीन के साथ कोरोना को फैलने से भी रोकेगी।
रमजान घर पर मनाएं, फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाएं रखें
मोदी ने कहा कि रमजान चल रहा है। इस बार इसे सद्भाव, संयम का पर्व बनाएं। मुझे विश्वास है कि स्थानीय प्रशासन की अपील का पालन करते हुए फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखेंगे। आज कोरोना ने त्योहार मनाने का ढंग बदल दिया है। लोग अब त्योहारों को घर में रहकर, सादगी से मना रहे हैं। इस बार ईसाई दोस्तों ने ईस्टर भी घर पर मनाया।