62 साल बाद MIG-21 फाइटर जेट की IAF से विदाई, भारत-पाक युद्ध और बालाकोट एयरस्ट्राइक में निभाई थी अहम भूमिका

मिग-21 के विदाई समारोह में एयरफोर्स चीफ एपी सिंह ने 23 स्क्वाड्रन के 6 जेट के साथ आखिरी उड़ान भरी। रिटायरमेंट समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेनाओं के प्रमुख समेत रक्षा मंत्रालय के कई अधिकारी शामिल हुए हैं।

Updated: Sep 26, 2025, 01:12 PM IST

Photo Courtesy: Youtube
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नई दिल्ली/चंडीगढ़। भारतीय वायुसेना के विशेष विमान और कई अहम मौकों पर सेना की रीढ़ कहे जाने वाले मिग-21 एयरक्राफ्ट आज यानी शुक्रवार को रिटायर हो गया है। चंडीगढ़ स्टेट हैंगर पर फाइटर जेट को अंतिम विदाई दी गई। आज से विमान की सभी सेवाएं आधिकारिक तौर पर समाप्त हो गई। 

फाइटर जेट के विदाई समारोह में एयरफोर्स चीफ एपी सिंह ने 23 स्क्वाड्रन के 6 जेट के साथ आखिरी उड़ान भरी। स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने फ्लाईपास्ट में भाग लिया। 1963 में एयरक्राफ्ट चंडीगढ़ में ही वायुसेना में शामिल हुआ था। 62 साल की सर्विस के दौरान सुपरसोनिक मिग-21 ने 1965 के भारत-पाक युद्ध, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, 1999 के कारगिल युद्ध और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। ऐसे कई अहम मौकों पर जरूरी भूमिका निभाई है। 

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बता दें यह भारत का पहला सुपरसोनिक जेट था इसकी क्षमता है कि ये आवाज की गति (332 मीटर प्रति सेकेंड) से तेज उड़ सकता है। अब इसकी जगह तेजस LCA मार्क 1A को शामिल किया जाएगा। मिग-21 के रिटायरमेंट समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, तीनों सेनाओं के प्रमुख समेत रक्षा मंत्रालय के कई अधिकारी शामिल हुए हैं। 

विदाई समारोह पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, लंबे समय से मिग-21 अनेक वीरतापूर्ण कार्यों का साक्षी रहा है। इसका योगदान किसी एक घटना या किसी एक युद्ध तक सीमित नहीं रहा है। 1971 के युद्ध से लेकर कारगिल संघर्ष तक, या बालाकोट हवाई हमले से लेकर ऑपरेशन सिंदूर तक, ऐसा कोई क्षण नहीं रहा जब मिग-21 ने हमारे सशस्त्र बलों को जबरदस्त ताकत प्रदान न की हो।