अगर आप पढ़ने के लिए पाकिस्तान जाते हैं तो भारत में आप नौकरी या उच्च शिक्षा के लिए पात्र नहीं होंगे 

पिछले महीने ही इस तरह की सलाह भारत के उच्च शिक्षा नियामकों की ओर से चीन को लेकर दिया गया था, पाकिस्तान के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या बहुत ही कम है, ऐसे में इस तरह की एडवाइज़री जारी करने का क्या औचित्य है 

Publish: Apr 24, 2022, 12:32 PM IST

नई दिल्ली। 
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से जारी की गई एक एडवाइज़री में भारतीय छात्रों से पाकिस्तान के किसी भी कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में दाखिला नहीं लेने का आग्रह किया गया है। देश में उच्च शिक्षा से जुड़े दोनों संस्थानों की ओर से शुक्रवार को जारी की गई  एडवाइज़री  के अनुसार अगर कोई छात्र पाकिस्तान के किसी कॉलेज या किसी संस्थान में दाखिला लेता है तो भारत में वो छात्र उच्च शिक्षा हासिल करने या नौकरी पाने के लिए पात्र  नहीं होगा। 

चीन में पढ़ने जाने वाले छात्रों को कुछ इसी तरह की चेतावनी उच्च शिक्षा से जुड़े दोनों संस्थानों द्वारा पिछले महीने जारी की गई थी। अब पाकिस्तान को लेकर छात्रों को चेताया गया है। दरअसल चीन को लेकर ये चेतावनी चीनी विश्वविद्यालयों में पहले से पढ़ने वाले छात्रों को वीजा जारी नहीं करने की पृष्ठभूमि में आई थी। लेकिन पाकिस्तान को लेकर इस तरह की सलाह जारी करने का अभी कोई विशेष कारण नहीं था। फिर भी दोनों संस्थानों ने पाकिस्तान को लेकर भी छात्रों के लिए ये परामर्श जारी किया है। जबकि पाकिस्तान में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों की संख्या बहुत ही कम है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में करीब 200 छात्र पाकिस्तान के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे थे। जिनमे से अधिकांश जम्मू कश्मीर के थे।                 

एआईसीटीई के सचिव और यूजीसी सचिव द्वारा शुक्रवार को संयुक्त रूप से जारी सलाह में कहा गया है कि सभी भारतीय नागरिकों को ये सलाह दी जाती है कि वे उच्च शिक्षा के लिए पाकिस्तान की यात्रा न करें। सलाह में कहा गया है कि कोई भी भारतीय नागरिक या प्रवासी नागरिक जो पाकिस्तान के किसी भी डिग्री कॉलेज या शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश लेना चाहता है, वह पाकिस्तान में अर्जित ऐसी शैक्षिक योग्यता के आधार पर भारत में रोजगार या उच्च शिक्षा पाने का पात्र नहीं होगा। 

दोनों संस्थानों की ओर से जारी सलाह में आगे कहा गया है कि प्रवासी भारतीय और उनके बच्चे जिन्होंने पाकिस्तान में उच्च शिक्षा की डिग्री हासिल की है और जिन्हे भारत सरकार ने नागरिकता दी है, वे भारतीय गृह मंत्रालय की सुरक्षा मंजूरी के बाद ही भारत में नौकरी पाने के पात्र होंगे। यूजीसी ने ऐसी ही सलाह 2019 में पाक अधिकृत कश्मीर के संस्थानों में अध्ययन के लिए भी दी थी।