अच्छा काम करने वालों को कोई भी पार्टी नहीं देती सम्मान, नितिन गडकरी का छलका दर्द

गडकरी ने कहा कि मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, एक बात तय है कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा नहीं मिलती।

Updated: Feb 08, 2024, 04:11 PM IST

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अवसरवादी नेताओं के सत्ताधारी दल से जुड़े रहने की इच्छा पर चिंता जताई है। गडकरी ने कहा कि नेताओं की विचारधारा में इस तरह की गिरावट लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है। इतना ही नहीं गडकरी ने यह भी कहा कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा नहीं मिलती।

मुंबई में एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने यह विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे भी नेता हैं जो अपनी विचारधारा पर दृढ़ हैं, लेकिन उनकी संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है। गडकरी ने किसी का नाम का जिक्र किए बिना कहा कि मैं हमेशा मजाक में कहता हूं कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो, एक बात तय है कि जो अच्छा काम करता है उसे कभी सम्मान नहीं मिलता और जो बुरा काम करता है उसे कभी सजा नहीं मिलती।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने सांसदों को सम्मानित करने से जुड़े इस कार्यक्रम में कहा कि हमारी बहसों और चर्चाओं में मतभेद हमारी समस्या नहीं है। हमारी समस्या विचारों की कमी है। उन्होंने कहा, ‘ऐसे लोग भी हैं जो अपनी विचारधारा के आधार पर दृढ़ विश्वास के साथ खड़े हैं लेकिन इस तरह के लोगों की संख्या घट रही है। और विचारधारा में गिरावट, जो हो रही है, लोकतंत्र के लिए अच्छी नहीं है। न तो दक्षिणपंथी और न ही वामपंथी, हम जाने-माने अवसरवादी हैं, कुछ लोग ऐसा लिखते हैं। और सभी सत्तारूढ़ दल से जुड़े रहना चाहते हैं।’

गडकरी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और PM मोदी के शब्दों में कहा जाए तो भारत लोकतंत्र की जननी है। अच्छा काम करने वाले को सम्मान नहीं मिलता है और खराब काम करने वाले को कभी सजा नहीं दी जाती है। हमारी इसी खूबी की वजह से हमारा लोकतांत्रिक गवर्नेंस सिस्टम दुनिया के लिए उपयुक्त है। उन्होंने कहा कि नेता आते-जाते रहते हैं, लेकिन उन्होंने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए जो काम किया है, आखिर में वही उन्हें सम्मान दिलाता है। पब्लिसिटी और पॉपुलैरिटी जरूरी हैं, लेकिन उन्होंने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में जो काम किया है, वह संसद में उनकी कही गई बातों से ज्यादा जरूरी है।