लद्दाख को स्टेटहुड देने की मांग को लेकर आयोजित प्रदर्शन हुई हिंसक, चार लोगों की मौत और 70 से अधिक घायल
यह लद्दाख के लिए दुख का दिन है। हम पांच साल से शांति के रास्ते पर चल रहे थे। अनशन किया, लेह से दिल्ली तक पैदल चलकर गए। आज हम शांति के पैगाम को असफल होते हुए देख रहे हैं: सोनम वांगचुक

लद्दाख को राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन बुधवार को उग्र हो गया। लेह में दो महिला प्रदर्शनकारियों के बीमार पड़ने और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने के बाद तनाव बढ़ गया। देखते ही देखते लद्दाख में छात्रों और पुलिस के बीच झड़प शुरू हो गई। इस हिंसक झड़प में 4 लोगों की मौत हो गई और 70 से ज्यादा लोग घायल हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक दो प्रदर्शनकारी, जिनकी पहचान अंचुक और अंचुक डोलमा के रूप में हुई है, प्रदर्शन के दौरान बेहोश हो गए। इसके बाद उन्हें पास के एक अस्पताल ले जाया गया। इस घटना से सभा में अशांति फैल गई, जिसके कारण लेह हिल काउंसिल भवन पर पथराव हुआ। सैकड़ों छात्रों की भीड़ बीजेपी दफ्तर के बाहर जमा हो गई। यहां पथराव होने लगा। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया। इसी बीच छात्र और उग्र हो गए।
छात्रों ने भाजपा ऑफिस और CRPF की गाड़ी में आग लगा दी। दरअसल, ये छात्र सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक के समर्थन में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वांगचुक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे थे। मांगें पूरी न करने के विरोध में प्रदर्शनकारियों ने आज बंद बुलाया था। इसी दौरान हिंसा हुई।
हिंसा के बाद वांगचुक ने अनशन तोड़ते हुए कहा कि यह लद्दाख के लिए दुख का दिन है। हम पांच साल से शांति के रास्ते पर चल रहे थे। अनशन किया, लेह से दिल्ली तक पैदल चलकर गए। आज हम शांति के पैगाम को असफल होते हुए देख रहे हैं। हिंसा, गोलीबारी और आगजनी हो रही है। मैं लद्दाख की युवा पीढ़ी से अपील करता हूं कि इस बेवकूफी को बंद करें। हम अपना अनशन तोड़ रहे हैं, प्रदर्शन रोक रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक आंदोलनकारियों ने मंगलवार की रात को 24 सितंबर को लद्दाख बंद बुलाने का आह्वान किया था। भीड़ जुटाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया। लोगों से लेह हिल काउंसिल पहुंचने की अपील की। इसका असर दिखा और बड़ी तादाद में लोग पहुंचे। फिलहाल लद्दाख में माहौल तनावपूर्ण है और अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है।