Rahul Gandhi: अन्याय के खिलाफ लड़ो, डरो मत

Quit India Movement: कांग्रेस ने दिलाया याद संघ, हिंदू महासभा ने किया था आंदोलन का बहिष्कार

Updated: Aug 09, 2020, 05:26 AM IST

Pic: Twitter
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भारत छोड़ो आंदोलन की 78वीं वर्षगांठ पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि गांधी जी के ‘करो या मरो’ के नारे को नए मायने देने होंगे। उन्होंने कहा कि अन्याय के खिलाफ लड़ो, डरो मत। राहुल गांधी का ट्वीट ऐसे समय  में आया है जब केंद्र सरकार की नीतियों की आलोचना और उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले कार्यकर्ताओं को जेल में डाला जा रहा है। साथ ही उनके खिलाफ आतंकवाद विरोधी जैसे कड़ी कानूनी धाराओं में मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं। कश्मीर में मुख्यधारा के कई नेता पिछले एक साल से पीएसए के तहत नजरबंद हैं।

दूसरी तरफ केंद्र सरकार के मंत्रियों ने भी इस अवसर पर ट्विटर पर अपने विचार साझा किए। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकरने ट्वीट किया, “भारत छोड़ो आंदोलन के इस ऐतिहासिक दिन पर मैं ब्रिटिश शासन के पंजे से भारत को आजादी दिलाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”

हालांकि, इतिहास में यह तथ्य बिल्कुल साफ है कि बीजेपी के मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भारत छोड़ो आंदोलन का बहिष्कार किया था। यही नहीं वीडी सावरकर के संगठन हिंदू महसभा ने भी इसका बहिष्कार किया था। आरएसएस के तत्कालीन सरसंघचालक ने बाद में लिखा था कि संगठन ने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग नहीं लिया, इसकी वजह से स्वयंसेवकों को लगने लगा कि उनका संगठन निष्क्रिय है।

श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने भी उस समय ब्रिटिश हुकूमत को यह आश्वासन दिया था कि उनके नेतृत्व वाली बंगाल की प्रांतीय सरकार इस आंदोलन को दबाने में पूरा सहयोग करेगी। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने ही आगे चलकर जनसंघ की स्थापना की थी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आंदोलन में भाग ना लेने की प्रशंसा करते हुए ब्रिटिश हुकूमत ने लिखा, “संघ ने सतर्कतापूर्व खुद को कानून के दायरे में रखा है। संघ खासतौर पर 1942 में पैदा हुई अराजकता में शामिल नहीं हुआ।”

इन्हीं ऐतिहासिक तथ्यों को रेखांकित करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने ट्वीट किया, “आज से 78 साल पहले कांग्रेस ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की और महात्मा गांधी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया। स्वतंत्रता के लिए लड़ाई साहस, दृढ़ निश्चय और देशभक्ति की भावना से लड़ी गई। इस ऐतिहासिक आंदोलन का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने बहिष्कार किया। क्या बीजेपी के नकली देशभक्त इस दिवस को मनाएंगे?”

आठ, अगस्त 1942 को महात्मा गांधी के नेतृत्व में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बंबई सेशन में भारत छोड़ो प्रस्ताव पास हुआ और अगस्त क्रांति मैदान से इस आंदोलन की शुरुआत हुई। अगले दिन महात्मा गांधी, नेहरू और कांग्रेस के दूसरे नेता गिरफ्तार कर लिए गए।