वायनाड: किसानों के समर्थन में राहुल गांधी ने थामा ट्रैक्टर का स्टेयरिंग, केंद्र पर जमकर बरसे
राहुल गांधी अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में छह किलोमीटर लंबी ट्रैक्टर रैली में शामिल हुए, इसके बाद एक जनसभा में लोगों को कृषि क़ानूनों का अर्थ समझाते हुए मोदी सरकार पर तीखे हमले किए

वायनाड। कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए ट्रैक्टर का स्टेयरिंग थामे नजर आए। कांग्रेस नेता ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में आयोजित 6 किलोमीटर लंबे किसान ट्रैक्टर मार्च में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को बैठाकर खुद ट्रैक्टर चलाया। राहुल इसके बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर बरसे।
कांग्रेस सांसद केरल और तमिलनाडु के तीन दिन के दौरे पर हैं। दौरे के पहले दिन वे वायनाड में आयोजित किसानों की रैली में ट्रैक्टर चलाते हुए पहुंचे। साथ ही उन्होंने कोझिकोड विमान हादसे में जीवित बचे लोगों से बातचीत भी की। उन्होंने वायनाड में ही इनफैंट जीसस स्कूल में बस सेवा की शुरुआत की। इसके अलावा उन्होंने सेंट जोसेफ स्कूल में महात्मा गांधी की मूर्ति का अनावरण भी किया।
वायनाड में जनसभा के दौरान राहुल ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, 'कृषि 40 लाख करोड़ रुपये के साथ देश का सबसे बड़ा कारोबार है और इससे करोड़ों भारतीयों जुड़े हैं। कृषि एकमात्र व्यवसाय है जिसका संबंध भारत माता से है और कुछ लोग इस कारोबार पर कब्जा करना चाहते हैं। पूरी दुनिया भारतीय किसानों की परेशानी देख सकती है, लेकिन दिल्ली में बैठी मोदी सरकार किसानों का दर्द नहीं समझ पा रही है।' उन्होंने आगे कहा कि, 'बीजेपी का विचार शक्तिशाली लोगों का सशक्तिकरण है लेकिन हमारा विचार कमजोरों का सशक्तिकरण करना है। राष्ट्र के विकास के लिए हम सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करते हैं।'
राहुल ने लोगों को समझाए तीनों कृषि कानून
राहुल गांधी ने इस दौरान किसानों को तीनों कृषि कानूनों का मतलब भी बताया। उन्होंने कहा, 'पहला कानून कहता है कि देश और बाहर के सबसे बड़े व्यवसायी किसान की उपज को कहीं भी और कितनी भी राशि में खरीद सकते हैं। यह कानून मंडी, किसान बाजार की अवधारणा को नष्ट कर देगा।'
The first law says that the biggest businesses in the country and outside can buy the farmers produce anywhere and any amount. This law will destroy the concept of mandis, farmers market: Shri @RahulGandhi#RahulGandhiWithWayanad pic.twitter.com/ydQdzEsxpI
— Congress (@INCIndia) February 22, 2021
दूसरे कृषि कानून के बारे में उन्होंने कहा कि, 'यह कानून कहता है भारत में सबसे बड़े व्यवसाय जितना चाहें अनाज, फल और सब्जियां स्टोर कर सकते हैं, जब तक वे चाहें। यह आवश्यक वस्तु अधिनियम पर सीधा हमला है, जो इसलिए तैयार किया गया है ताकि किसान अपनी फसल के दाम के बारे में कोई मोलभाव न कर सकें।'
Second law says biggest businesses in India can store as much grain, fruits & vegetables as they want, for as long as they want. This is a direct attack on Essential Commodities Act, designed to ensure farmer can't negotiate for price: Shri @RahulGandhi#RahulGandhiWithWayanad pic.twitter.com/BPzrAj1f3v
— Congress (@INCIndia) February 22, 2021
कांग्रेस सांसद ने तीसरे कृषि कानून को सबसे ज्यादा हैरान करने वाला बताया है। उन्होंने कहा, 'तीसरा कानून इन सभी में सबसे आश्चर्यजनक है। इसमें कहा गया है कि अगर किसान को अपनी फसल की कीमत, उसकी बिक्री को लेकर कोई शिकायत है, कोई विवाद है, तो इंसाफ मांगने के लिए अदालत में नहीं जा सकता। यह किसानों के बुनियादी कानूनी अधिकारों को छीनने वाला कानून है।'
Third law is the most fantastic of them all. It says that if the farmer has a dispute about the price of what he is selling, he cannot go to court. It takes away the legal rights of the farmers: Shri @RahulGandhi#RahulGandhiWithWayanad pic.twitter.com/Knu0RcmBV6
— Congress (@INCIndia) February 22, 2021
महामारी में वरदान साबित हुई मनरेगा : राहुल
राहुल गांधी ने कृषि कानूनों के बाद मनरेगा को लेकर भी केंद्र सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में मनरेगा योजना का मज़ाक उड़ाते थे। उसे कमजोर बताते थे। लेकिन कोरोना महामारी के दौरान यह एक योजना एक तरह से वरदान साबित हुई और पीएम मोदी को इसके लिए बजट बढ़ाना पड़ा। कांग्रेस नेता ने यूपीए के समय विकास का बड़ा कारण मनरेगा को बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पैसे आए।