राजस्थान पंचायत चुनाव में बीजेपी का बेहतर प्रदर्शन, कांग्रेस को दिग्गजों के इलाक़ों में भी मिली हार

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इसे कृषि कानूनों के पक्ष में जनता का फ़ैसला बताया, कांग्रेस को गुटबाज़ी और टिकट बँटवारे में की गई ग़लतियों से नुक़सान होने की चर्चा

Updated: Dec 09, 2020, 11:33 PM IST

Photo Courtesy : DNA India
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जयपुर। राजस्थान के 21 जिलों में पंचायत समिति और जिला परिषद सदस्यों के चुनावों में भाजपा को कांग्रेस पर बढ़त हासिल हुई है। राज्य के 21 जिलों में 636 जिला परिषद सीटों में से 635 के नतीजे आ चुके हैं। 222 पंचायत समितियों के लिए 4371 सदस्यों में से 4372 का रिजल्ट आ चुका है। राज्य में कांग्रेस की सरकार होने और किसान आंदोलन के बावजूद बीजेपी को दोनों ही चुनावों बढ़त मिली है। जिला परिषद की 353 और पंचायत समिति की 1990 सीटों पर भाजपा की जीत हुई है।

बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस जीत को पीएम मोदी में जनता के विश्वास का प्रतीक बताया है। उन्होंने ट्वीट किया, 'राजस्थान में पंचायती राज और जिला परिषद चुनावों में प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र की जनता, किसानों व महिलाओं ने भाजपा में जो विश्वास प्रकट किया है, इसके लिए मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं। यह जीत गांव, गरीब, किसान और मजदूर के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी में विश्वास का प्रतीक है।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस जीत को कृषि सुधार के पक्ष में मैंडेट माना है। उन्होंने कहा कि, 'ट्रेंड ये रहा है कि जिसकी राज्य में सरकार होती है, उसे ज्यादा सफलता मिलती है, लेकिन इस बार उल्टा हुआ है। राजस्थान में जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव में BJP को अप्रत्याशित जीत मिली है. ग्रामीण इलाकों के ये ढाई करोड़ वोटर मुख्यत: किसान थे। किसान कृषि सुधार के पक्ष में हैं।'

पायलट, डोटासरा समेत कई मंत्रियों के क्षेत्र में मिली हार

कांग्रेस को इस पंचायत चुनाव में कई दिग्गज नेताओं के इलाकों में भी हार का मुंह देखना पड़ा है। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के गृहक्षेत्रों में भी कांग्रेस हार गई है। इसके अलावा गहलोत सरकार के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना और खेल राज्य मंत्री अशोक चांदना के इलाकों में भी कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को जीत दिलाने में सफल नहीं हुई। 

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इसी के साथ राज्य के 14 जिलों में अब बीजेपी बोर्ड बनाने की स्थिति में है। इनमें अजमेर, बाड़मेर, भीलवाड़ा, बूंदी, चिताैड़गढ़, चूरू, जालाैर, झालावाड़, झुंझुनूं, पाली, राजसमंद, सीकर, टाेंक और उदयपुर शामिल हैं। वहीं कांग्रेस को सिर्फ पांच जिले बांसवाड़ा, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, हनुमानगढ़, जैसलमेर में बोर्ड बनाने का मौका मिलेगा। इसके अलावा नागौर में हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी किंगमेकर बनकर उभरी है। यहां कांग्रेस को 18, बीजेपी को 20 और आरएलपी को 9 सीटें प्राप्त हुई है।

विधायकों पर भरोसे का खामियाजा

जानकारों की मानें तो कांग्रेस को इस चुनाव में अंदरूनी गुटबाज़ी और विधायकों पर ज़रूरत से ज़्यादा भरोसा करने की वजह से नुकसान हुआ है। बताया जा रहा है कि पार्टी ने विधायकों को अपने क्षेत्रों के सिंबल दे दिए थे। इसकी वजह से अपने करीबियों और रिश्तेदारों को टिकट दिए जाने के आरोप लगे। इसका खामियाज़ा पार्टी को चुनाव में उठाना पड़ा है।