चुनावी साल में होगा राम मंदिर का उद्घाटन, भारत जोड़ो यात्रा को संतों का समर्थन मिलते ही BJP का बड़ा ऐलान

गृहमंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी का नाम लेकर किया राम मंदिर के उद्घाटन तिथि का ऐलान, भारत जोड़ो यात्रा के समर्थन में उतरे संतों को साधने की कोशिश

Updated: Jan 05, 2023, 02:33 PM IST

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर का उद्घाटन अगले साल 1 जनवरी को किया जाएगा। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को ये ऐलान किया। शाह ने ये ऐलान ऐसे समय में किया है जब देशभर के साधु-संत भारत जोड़ो यात्रा का खुला समर्थन कर रहे हैं। इसे बीजेपी से नाराज चल रहे साधु-संतों को साधने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

अमित शाह ने राम मंदिर उद्घाटन का ऐलान त्रिपुरा में भाजपा की जन विश्वास यात्रा की सभा में किया। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा कि, '2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान मैं भाजपा का अध्यक्ष था और राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष थे। वे रोज कहते थे- मंदिर वहीं बनाएंगे तिथि नहीं बताएंगे। तो राहुल बाबा कान खोलकर सुन लो 1 जनवरी 2024 को अयोध्या में गगनचुंबी राम मंदिर आपको तैयार मिलेगा।' 

बता दें कि अयोध्या स्थित राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने बीते दिनों राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के लिए कामना की थी। आचार्य सत्येंद्र दास ने राहुल गांधी को पत्र लिखकर भारत जोड़ो यात्रा की सफलता के लिए शुभकामनाएं भी दी। उन्होंने पत्र में लिखा कि, 'मैं आशा करता हूं और प्रार्थना करता हूं कि जिस मिशन के लिए आप लड़ रहे हैं, वह सफल हो, मैं आपको आपके लंबे जीवन का आशीर्वाद देता हूं।'

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अमित शाह ने राम मंदिर के उद्घाटन का ऐलान किसी धार्मिक आयोजन के दौरान नहीं बल्कि राजनीतिक कार्यक्रम के दौरान किया। साल 2024 में ही देश में लोकसभा चुनाव होने हैं। चुनावी साल में राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख घोषित किए जाने को BJP के वोट पॉलिटिक्स से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
इस दौरान अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने राम मंदिर के निर्माण में बाधा डाली। जबकि हकीकत ये है कि कांग्रेस नेता राजीव गांधी ने ही सबसे पहले राम मंदिर का ताला खुलवाया था।

राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभा चुके बीजेपी के ही पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इसका श्रेय राजीव गांधी को दिया था। बीजेपी से सांसद रहते हुए सुब्रमण्यम स्वामी ने राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद कहा था, 'अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर पर आने वाले निर्णय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोई रोल नहीं है। सरकार में रहते हुए उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया। वास्तव में राम मंदिर निर्माण का श्रेय पू्र्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को जाता है।'