प्रयागराज में छात्र बेकाबू, उखाड़ फेंके बैरिकेड्स, छात्राओं के साथ पुलिस की बदसलूकी पर उग्र हुई भीड़
पुलिसकर्मी सादी वर्दी में धरना दे रहे छात्रों को जबरन उठाने पहुंचे थे। छात्रों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने छात्राओं के साथ बदसलूकी की। यह बात फैलते ही भीड़ उग्र हो गई।
प्रयागराज। प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग कार्यालय (UPPSC) के सामने छात्रों के प्रदर्शन का आज चौथा दिन है। प्रदर्शन को समाप्त कराने के लिए अब प्रशासन का बलप्रयोग करना भारी पड़ गया। दरअसल, पुलिसकर्मी सादी वर्दी में धरना दे रहे छात्रों को जबरन उठाने पहुंचे थे। छात्रों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने छात्राओं के साथ बदसलूकी की। यह बात फैलते ही भीड़ उग्र हो गई और देखते ही देखते दस हजार छात्र-छात्राएं मौके पर जमा हो गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक सुबह 10:30 बजे के बाद बैरिकेडिंग पर रोके गए छात्र उग्र होने लगे। अचानक ही छात्रों का जत्था बैरिकेडिंग को तोड़ते हुए आयोग की तरफ बढ़ चले। वहां पर भारी संख्या में पुलिस और पीएससी के जवान तैनात थे। पुलिस ने बैरिकेडिंग करके आयोग के रास्ते को सील कर दिया था। लेकिन वहां दस हजार छात्र पहुंच गए और प्रदर्शनकारी छात्रों ने नारेबाजी करते हुए मिनटों में बैरिकेडिंग तोड़ दी।
छात्र आयोग के गेट तक पहुंच गए है और अब पुलिस बैकफुट पर है। पुलिस ने आयोग की बिल्डिंग को चारों तरह से घेरकर सुरक्षित किया है। प्रयागराज के कमिश्नर विजय विश्वास पंत लोक सेवा आयोग कार्यालय पहुंचे हैं। कुछ छात्र आयोग के सामने भोंपू बजा रहे हैं। मामला बिगड़ता देख डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने कहा कि अफसर छात्रों के साथ बातचीत करें और समस्या का हल निकालें।
प्रयागराज में UPPSC परीक्षाओं को लेकर विरोध प्रदर्शन की लहर अब लखनऊ तक पहुंच चुकी है। गुरुवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के सामने स्टूडेंट्स ने जमकर हंगामा किया। लोकसेवा आयोग (UPPSC) के अध्यक्ष का पुतला जलाया। पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो उनकी पुलिस से झड़प हो गई। इसके बाद पुलिस ने स्टूडेंट्स को हिरासत में लेकर ईको गार्डन ले गई।
प्रयागराज प्रशासन ने संस्कृति IAS कोचिंग को सील कर दिया है। आरोप है कि कोचिंग मैनेजमेंट ने अपने स्टूडेंट्स को आंदोलनरत अभ्यर्थियों के समर्थन में लोक सेवा आयोग के बाहर भेजा था। छात्रों के भोजन की व्यवस्था भी की थी। इसी बीच खबर यह भी आ रही है कि UPPSC के सचिव थोड़ी देर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं। नॉर्मलाइजेशन और आरओ/एआरओ और यूपी पीसीएस प्री परीक्षा के संबंध में फैसला हो सकता है।
इस पूरे घटनाक्रम पर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा की अहंकारी सरकार अगर ये सोच रही है कि वो इलाहाबाद में UPPSC के सामने से आंदोलनकारी अभ्यर्थियों को हटाकर, युवाओं के अपने हक़ के लिए लड़े जा रहे लोकतांत्रिक आंदोलन को ख़त्म कर देगी, तो ये उसकी ‘महा-भूल’ है। आंदोलन तन से नहीं मन से लड़े जाते हैं और अभी तक वो ताक़त दुनिया में नहीं बनी जो मन को हिरासत में ले सके।
यादव ने आरोप लगाया कि इलाहाबाद में एक आंदोलनकारी दिव्यांग छात्रा की बैसाखी पुलिस ले गयी है। ये ख़बर बताती है कि भाजपाई और उनकी सरकार कितनी निर्दयी और संवेदनहीन है। ऐसी सरकार को बने रहने का कोई हक़ नहीं है। भाजपा घमंड के हिमालय पर चढ़ी हुई है। जो जितनी ऊँचाई पर होता है, उसका पतन भी उतना ही नीचे और तेज़ी से होता है।