ग्वालियर में भू-माफियाओं की साजिश नाकाम, कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर से हड़पना चाहते थे 20 बीघा सरकारी जमीन

ग्वालियर के ग्राम जिरेना में भू-माफियाओं ने सरकारी जमीन पर कब्जा करने के लिए कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश तैयार कर 20 बीघा जमीन को हड़पने की इस साजिश बनाई।

Updated: Feb 16, 2025, 05:46 PM IST

Photo Courtesy:DB
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ग्वालियर के ग्राम जिरेना में भू-माफियाओं ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करने के लिए कलेक्टर रुचिका चौहान के फर्जी हस्ताक्षर कर एक आदेश तैयार किया था। इस साजिश के तहत न्यायालय के नाम और आधिकारिक हस्ताक्षरों का दुरुपयोग करते हुए फर्जी दस्तावेज बनाए गए, जिससे 20 बीघा जमीन को अपने नाम कराया जा सके। पूरी योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए आदेश जारी कर दिया गया था और संबंधित विभागों में इसे प्रस्तुत करने की तैयारी भी कर ली गई थी। हालांकि, पटवारी की सतर्कता के चलते यह धोखाधड़ी समय रहते पकड़ में आ गई और प्रशासनिक कार्रवाई से पहले ही साजिश नाकाम हो गई।

तीन दिन की प्रारंभिक जांच के बाद कलेक्टर के रीडर लोकेश गोयल ने विश्व विद्यालय थाना पुलिस को इसकी सूचना दी, जिसके बाद शनिवार रात को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया। गोयल ने जांच के दौरान पुलिस को कलेक्टर के फर्जी हस्ताक्षर वाला आदेश पत्र सौंपा, जिसमें इस फर्जी आदेश के वायरल होने की बात भी दर्ज थी। जांच में सामने आया कि प्रताप सिंह और गब्बर सिंह माहौर नाम के व्यक्तियों ने अन्य लोगों के साथ मिलकर इस फर्जी आदेश को तैयार किया था। उन्होंने न्यायालयीन प्रकरण का भी फर्जी उल्लेख किया था, ताकि आदेश को वैध दिखाया जा सके। लेकिन जब पटवारी ने आदेश में लिखी भाषा और उसमें दर्ज विवरणों की सत्यता की जांच की, तो उसमें गंभीर गड़बड़ियां सामने आईं। आरसीएमएस पोर्टल पर दर्ज मामलों से जब इस आदेश की तुलना की गई, तो पता चला कि इसमें बताए गए पक्षकार वास्तव में इस भूमि विवाद से जुड़े ही नहीं थे।

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जांच के दौरान यह भी सामने आया कि फर्जी आदेश में इस्तेमाल की गई भाषा आमतौर पर न्यायालयीन दस्तावेजों में नहीं पाई जाती। इतना ही नहीं, आदेश पत्र पर ऊपर 20 दिसंबर और नीचे 25 दिसंबर 2024 की तारीख दर्ज थी, जिससे भी इसकी प्रामाणिकता पर संदेह हुआ। मामले की पड़ताल में पंचायत सचिव समेत कुछ अन्य संदिग्ध व्यक्तियों के नाम भी सामने आए हैं। पुलिस ने प्रताप सिंह और गब्बर सिंह के बयान दर्ज कर लिए हैं और अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। जब इन भू-माफियाओं ने पटवारी से संपर्क कर आदेश को लागू करने की कोशिश की, तो उसने इसमें गड़बड़ी पकड़ ली और मामले को उजागर कर दिया। इस सतर्कता के चलते प्रशासन को बड़ी हानि से बचाया जा सका और सरकारी जमीन को हड़पने की यह साजिश विफल हो गई। पुलिस अब इस जालसाजी में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश में जुटी है।