सुप्रीम कोर्ट ने रेप के आरोपी से पूछा, पीड़िता से शादी करोगे, लड़की के नाबालिग रहते लगा था रेप का आरोप

सरकारी नौकरी करने वाले आरोपी ने कहा, वो पहले से शादीशुदा है, जेल जाने पर सस्पेंड होने की दी दुहाई तो सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ़्तारी से चार हफ़्ते की राहत दे दी

Updated: Mar 01, 2021, 01:32 PM IST

Photo Courtesy: New Indian Express
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दिल्ली। देश की सबसे बड़ी अदालत में आज एक केस की कार्यवाही लोगों का ध्यान खींच रही है। नाबालिग रेप के एक आरोपी ने गिरफ्तारी से राहत पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। चीफ जस्टिस एस ए बोबड़े के सामने आरोपी के वकील ने कहा कि उनका मुवक्किल सरकारी नौकरी करता है और अगर वो जेल गया तो नियमों के तहत नौकरी से सस्पेंड हो जाएगा। ऐसे में आरोपी के वकील ने गिरफ्तारी से राहत दिए जाने की मांग की।

इस पर चीफ जस्टिस ने आरोपी के वकील से पूछा कि क्या उनका मुवक्किल पीड़ित से शादी करने को तैयार है? अगर वो शादी के लिए तैयार होगा तो उसकी मदद की जा सकती है, वरना जेल जाना पड़ सकता है। सीजेआई ने कहा कि अदालत शादी के लिए दबाव नहीं डाल रही, लेकिन आरोपी को जुर्म करते समय सोचना चाहिए था कि वो सरकारी नौकरी करता है। इस पर वकील ने कहा कि वो अपने मुवक्किल से पूछकर बताएगा। वकील ने थोड़ी देर बाद अपने मुवक्किल से बात करके बताया कि आरोपी शादीशुदा है इसलिए वो पीड़िता से शादी नहीं कर सकता। इसके बाद अदालत ने आरोपी की गिरफ्तारी पर चार हफ्ते के लिए रोक लगा दी। कोर्ट ने कहा कि आरोपी इस दौरान नियमित जमानत के लिए आवेदन कर सकता है।

नाबालिग से रेप का आरोपी मोहित सुभाष चव्हाण महाराष्ट्र में सरकारी कर्मचारी है। मोहित पर आरोप है कि उसने साल 2014-2015 में छात्रा से दुष्कर्म किया। उस वक्त पीड़ित बच्ची 9 वीं क्लास में पढ़ती थी। आरोप है कि मोहित ने बच्ची को डरा धमकाकर कई साल तक उसका रेप किया।

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आरोपी पीड़िता का दूर का रिश्तेदार है, वह स्कूल जाते वक्त उसका पीछा करता था। एक बार जब लड़की के परिजन बाहर गए थे, वह घर में अकेली थी, तब आरोपी पिछले दरवाजे से उसके घर में घुसा और वारदात को अंजाम दिया। आरोपी ने धमकी दी थी कि अगर उसने इस घटना के बारे में किसी को बताया तो वह उसके चेहरे पर तेजाब फेंक देगा। इतना ही नहीं उसने उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी भी दी थी। उसने ऐसा करीब 10-12 बार किया। एक बार तंग आकर छात्रा ने आत्महत्या करने की कोशिश की। लेकिन उसकी मां ने उसे देख लिया और उसकी जान बचाई। इस बाद पीड़ित बच्ची ने मां को सारी आपबीती बताई।

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पीड़िता की मां जब आरोपी के खिलाफ पुलिस केस करने पहुंची तो आरोपी की मां ने उस पर दबाव डाला कि वो केस न करे तो, वो पीड़िता के बालिग होते ही अपने बेटे से उसकी शादी करवा देगी। इस तरह आरोपी और उसकी मां ने मामले को दबा दिया। लेकिन आरोप है कि पीड़िता के बालिग होने के बाद आरोपी मोहित ने उससे शादी से इनकार कर दिया। इसके बाद यह मामला पुलिस के पास पहुंचा। आरोपी की ओर से कोर्ट में दलील दी गई है कि  पहले वह पीड़िता से शादी करने को तैयार था, लेकिन तब लड़की ने मना कर दिया था। इस बीच उसकी शादी हो चुकी है, लिहाजा वह पीड़िता से शादी नहीं कर सकता। हालांकि केस में सुप्रीम कोर्ट ने जिस तरह नाबालिग से बार-बार रेप करने के संगीन आरोपों में घिरे शख्स के सामने पीड़ित लड़की से शादी करने का विकल्प रखा, उसकी काफी चर्चा हो रही है।