सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना पर राज्यों से मांगी रिपोर्ट, दिसंबर में हालात और बदतर होने की चेतावनी

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और गुजरात की सरकारों को कोरोना महामारी से निपटने का इंतज़ाम ठीक से न करने पर फटकार लगाई

Updated: Nov 23, 2020, 07:25 PM IST

Photo Courtesy: India TV
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नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने देश में कोरोना के बढ़ते कहर पर राज्यों से दो दिन में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। इस रिपोर्ट में राज्य सरकारों को यह बताना होगा कि कोरोना से निपटने के लिए उन्होंने क्या कदम उठाए हैं। चीफ जस्टिस एसए बोबड़े ने देश में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एमआर शाह को यह जिम्मेदारी सौंपी है। 

दिल्ली की टेस्टिंग पर उठाए सवाल 

सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए दिल्ली में कोरोना टेस्टिंग को लेकर केजरीवाल सरकार के रवैए पर सवाल उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से पूछा कि दिल्ली में अचानक कोरोना की टेस्टिंग कम क्यों हो गई है ? जस्टिस भूषण की तीन सदस्य बेंच ने कहा कि टेस्टिंग एक दिन में 7000 से 5000 तक कम क्यों हो गई है? जबकि मुंबई और चेन्नई में यह टेस्टिंग 15 हजार से 17 हजार हो गई है। 

कोर्ट ने कहा, दिल्ली सरकार ने खुद संकेत दिया है कि COVID रोगियों के परीक्षण की संख्या कम हो गई है। जो भी अनुरोध करता है उसके अनुरोध को तकनीकी आधार पर टेस्टिंग से इनकार नहीं किया जा सकता है।हालांकि दिल्ली सरकार ने अदालत में कहा कि कोरोना से निपटने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल संजय जैन ने कहा कि बड़े स्तर पर निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के लिए 80 प्रतिशत आईसीयू बेड आरक्षित हैं।जवाब में कोर्ट ने कहा अच्छी बात है, लेकिन मौजूदा हालात पर आप क्या कहेंगे। वकील ने कहा कि हमने अस्पताल और क्वारंटाइन सेंटर बनाए हैं । कोर्ट ने कहा कि आप इस मुद्दे पर स्पष्ट स्टेटस रिपोर्ट मौजूदा हालात के हिसाब से दाखिल करें। 

कोर्ट ने कहा कि मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में लॉबी और वेटिंग एरिया में शव पड़े थे। वार्ड के अंदर, ज्यादातर बेड खाली थे, जिनमें ऑक्सीजन, सलाइन ड्रिप की सुविधा नहीं थी। बड़ी संख्या में बेड खाली हैं, जबकि मरीज भटकते फिर रहे हैं। कोर्ट ने इस मामले के लिए केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दिल्ली के साथ-साथ महाराष्ट्र और तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।साथ ही दिल्ली के LNJP अस्पताल को भी नोटिस जारी किया है।

गुजरात सरकार को सुप्रीम कोर्ट की फटकार 

महामारी के बढ़ते मामलों के बावजूद राज्य में बेलगाम समारोहों, शादियों और कार्यक्रमों की छूट देने पर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को फटकार लगाई है। जस्टिस एम आर शाह ने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र के बाद गुजरात में हालात सबसे खराब हैं। आपकी नीति क्या है? क्या हो रहा है? यह सब क्या है? अदालत ने कहा कि चार राज्यों में हालात बहुत खराब हैं। लापरवाही के चलते कोरोना महामारी बढ़ रही है। कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसे ही चलता रहा तो दिसम्बर में हालात और खराब हो सकते हैं।