याद रहेगी भारत जोड़ो यात्रा के दो योद्धाओं की जुगलबंदी, प्रेम और सद्भाव के बीच संपन्न हुई यात्रा
14 राज्य, 75 जिले और 3970 KM का सफर, भारत जोड़ो यात्रा के अंतिम दिन "कंटेनर नंबर 12 और 14" को अलविदा करते हुए जयराम रमेश ने शेयर की तस्वीर

श्रीनगर। पिछले साल 7 सितंबर से शुरू हुई कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा आज कश्मीर में संपन्न हो गई। कन्याकुमारी से चली यह यात्रा बीते 145 दिनों में 14 राज्यों के 75 जिलों से होकर गुजरी। इस दौरान भारत यात्रियों सहित राहुल गांधी ने करीब चार हजार किलोमीटर का सफर तय किया। इस मौके पर भारत जोड़ो यात्रा के दो प्रमुख स्तंभ दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश की एक तस्वीर स्वयं जयराम रमेश ने शेयर की जिसमें दोनों अपने निवास (कंटेनर नंबर 12 और 14) के पास खड़े हैं।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने इस तस्वीर को शेयर करते हुए लिखा है कि, "दो बेचारे… कंटेनर नंबर 12 और 14 के निवासी। बर्फबारी के बीच श्रीनगर में यात्रा का समापन।" दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा प्लानिंग कमेटी के चेयरमैन दिग्विजय सिंह कंटेनर नंबर 12 जबकि कम्युनिकेशन हेड जयराम रमेश कंटेनर नंबर 14 में रहते थे।
The Do Bechare… residents of Container #12 and #14 saying farewell at the end of #BharatJodoYatra in a snowy Srinagar to their abodes for the last 135 days. pic.twitter.com/nCUK3bv7bl
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) January 30, 2023
राहुल गांधी की अगुवाई में निकाली गई भारत जोड़ो यात्रा का पूरा मैनेजमेंट दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश ही संभाल रहे थे। 12 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों से गुजरकर यात्रा जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में खत्म हुई है, तब इस सफल यात्रा के लिए राहुल गांधी के अलावा लोग दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश की भी जमकर तारीफें कर रहे हैं।
यात्रा का कॉन्सेप्ट महात्मा गांधी के ‘दांडी मार्च’ से लिया गया था। इसे जमीन पर उतारने की जिम्मेदारी दी गई थी कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले दिग्विजय सिंह को। वे 2017 में 3300 किलोमीटर की ‘नर्मदा परिक्रमा’ कर चुके हैं। दिग्विजय की अध्यक्षता में भारत जोड़ो प्लानिंग कमेटी बनी। हर राज्य में कोऑर्डिनेटर बनाए गए। इसके बाद हर जिले में एक टीम तैयार हुई। दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में करीब 150 दिन की यात्रा की फूलप्रूफ प्लानिंग पहले पेपर पर की गई। उसके बाद ग्राउंड पर इसका जायजा लिया गया। सब ओके होने के बाद यात्रा का फाइनल ड्राफ्ट तैयार हुआ और इस तरह आजाद भारत के इतिहास की सबसे लंबी यात्रा की शुरुआत हुई।
इतने लंबे इवेंट की प्लानिंग और तैयारी के बारे में जयराम रमेश बताते हैं कि इसके पीछे 4 महीने की मेहनत है। यात्रा का आइडिया मई 2022 में उदयपुर में हुए चिंतन शिविर में आया था। दिग्विजय सिंह और दूसरे नेताओं से बातचीत के बाद 15 मई को सोनिया गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा का ऐलान किया। वह बताते हैं कि इन चार महीनों में हो रही तैयारियों की प्रोग्रेस रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी जाती थी।
दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश प्रतिदिन करीब 7 से 8 घंटे प्लानिंग पर काम करते थे। जयराम रमेश को संचार का सारा जिम्मा था। जयराम रमेश के सामने पब्लिसिटी मटेरियल जमा करने से लेकर कम्युनिकेशन, मीडिया मैनेजमेंट और लोकल मीडिया को इन्वॉल्व करने की चुनौतियां थी। वहीं दिग्विजय सिंह के ऊपर लॉजिस्टिक्स, जगह फाइनल करने से लेकर यात्रा की परमिशन लेने तक की जिम्मेदारी थी।
कन्याकुमारी से 7 सितंबर को जब यात्रा शुरू हुई तो तमाम लोगों के मन में कई तरह की आशंकाएं थी। यात्रा शुरू होने के तीसरे दिन दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश के बीच जुगलबंदी की एक दिलचस्प तस्वीर वायरल हुई। इसमें दोनों नेता एक दूसरे का हाथ पकड़कर सीढियां चढ़ रहे थे। जयराम रमेश ने तस्वीर पर टिपण्णी करते हुए लिखा "दो बेचारे"। वहीं दिग्विजय सिंह ने लिखा कि जयराम के इस टिप्पणी पर आप ऑब्जर्व करने, सोचने और कमेंट के लिए स्वतंत्र हैं।
Do bechare https://t.co/GZo7fUxFaC
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) September 11, 2022
यह तस्वीर बहुत कुछ कह रही थी। दक्षिण के राज्यों में यात्रा को अभूतपूर्व जनसमर्थन प्राप्त हुआ। यात्रा के एक महीने पूरे होने पर 7 अक्टूबर को जयराम रमेश ने एक ट्वीट में लिखा, "हममें से कोई भी कल्पना नहीं कर सकता था कि भारत जोड़ो यात्रा कैसी होगी, लेकिन मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि मेरे वरिष्ठ और दुरुस्त सहयोगी दिग्विजय सिंह और सेवा दल के साथ चलना किसी प्रेरणा से कम नहीं है। मैं उनकी प्रतिबद्धता और समर्पण को सलाम करता हूं।"
Thank you @Jairam_Ramesh ji. Two “Becharas” of #BharatJodoYatra can at least pat our back ourselves!! If no one else does. Who could ever imagine you Jairam ji, would be hitting the streets!!
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 9, 2022
It was wonderful to walk with you. We shall celebrate when we finally reach Srinagar. https://t.co/dc2gPubHrz
इसपर टिप्पणी करते हुए दिग्विजय सिंह ने लिखा, "धन्यवाद जयराम जी। भारत जोड़ो यात्रा के दो "बेचारे" कम से कम अपनी पीठ खुद तो थपथपा सकते हैं !! अगर कोई और नहीं करता है तो। कौन सोच सकता था कि जयराम, सड़कों पर चल रहे होंगे। आपके साथ चलना अद्भुत था। जब हम श्रीनगर पहुंच जाएंगे तब जश्न मनाएंगे।"
दिग्विजय सिंह को जयराम रमेश अक्सर "फील्ड मार्शल" के रूप में संबोधित करते थे। 6 अक्टूबर को कर्नाटक में जब सिद्धरमैया ने राहुल गांधी के साथ दौड़ लगाई थी तब जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "आज भारत जोड़ो यात्रा के दौरान 75 वर्षीय सिद्धारमैया को राहुल गांधी की बराबरी करते हुए देखना उल्लेखनीय है। लेकिन उन्हें यात्रा में एक अन्य 75 वर्षीय व्यक्ति की बराबरी करने के लिए अभी भी काफी दूरी तय करनी है… वो हैं फील्ड मार्शल दिग्विजय सिंह।"
Remarkable to see the 75 year old @siddaramaiah matching the stride of @RahulGandhi during #BharatJodoYatra today. He still has a distance to go to match the other 75 year old in the Yatra… Field Marshal @digvijaya_28! pic.twitter.com/dllwvrKI4q
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) October 6, 2022
करीब दो महीने बाद हैदराबाद के चार मीनार के पास दिग्विजय और जयराम रमेश फर्श पर बैठे हुए थे। जयराम रमेश ने यह तस्वीर ट्वीट कर लिखा "दो बेचारे"। तब कुछ लोगों ने इसे "सेल्फ ट्रॉलिंग" कही तो शकील अख़्तर जैसे कुछ सियासी पंडितों ने कहा कि, “इन दो बेचारों ने बाजी पलट दी। पानी में आग लगा दी। अभी दो महीने भी नहीं हुए और पूरे देश में यात्रा यात्रा हो रही है। कश्मीर तक पहुंचते-पहुंचते पता नहीं कैसा तूफान लाएंगे।”
Do bechare at Char Minar, Hyderabad @digvijaya_28 #BharatJodoYatra pic.twitter.com/2FdiYpxXfr
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 3, 2022
नवंबर के चौथे हफ्ते की शुरुआत में यह यात्रा दिग्विजय सिंह के गृह प्रदेश एमपी में प्रवेश कर चुकी थी। यात्रा के रास्ते में यह पहला हिंदी प्रदेश था। यहां मीडिया से बातचीत के दौरान जयराम रमेश ने कहा कि यात्रा में राहुल गांधी के अलावा सिर्फ दिग्विजय सिंह ही हैं, जो पूरा पैदल चलते हैं। उन्हें देखकर युवाओं को प्रेरणा मिलती है। मैं भी अब उनसे सीखकर पैदल चलने लगा हूं। वे सबसे युवा हैं।"
हालांकि, तब दिग्विजय सिंह ने इसे अतिशयोक्ति करार दिया। सिंह ने मजाकिया लहजे में कहा कि, "जयराम रमेश पहले लैपटॉप के उस्ताद थे अब पदयात्रा के भी उस्ताद हो गए हैं। जयराम और मैं, हम एक दूसरे के पूरक हैं। यात्रा के लिए अलग- अलग ग्रुप बने है और एक ग्रुप ऐसा भी है जिसमें हम दो बेचारे है। हम बेचारे ग्रुप के सदस्य हैं। राहुल के साथ सभी लोग सेल्फी खिंचवाना चाहते है। लेकिन यह संभव नहीं है। हम दो बेचारों को ही सबकी नाराजगी झेलना पडती है।"
मध्य प्रदेश से आगे बढ़ने के बाद यात्रा राजस्थान के रास्ते दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तरप्रदेश होते हुए हिमाचल प्रदेश पहुंची। यहां मीडिया से बातचीत के दौरान जयराम रमेश ने हल्के-फुल्के अंदाज में 67 साल की उम्र में यात्रा में चलने के अपने अनुभवों बारे में भी बताया। उन्होंने कहा, “हम भारत जोड़ो यात्रा के दो बेचारे हैं। वह (दिग्विजय) मुझसे सात साल बड़े हैं लेकिन वह मुझसे कहीं ज्यादा चलते हैं। वह वास्तव में फील्ड मार्शल दिग्विजय सिंह हैं और पूरी दूरी पैदल चलते हैं। मैं शायद सुबह 8 किमी और शाम को शायद डेढ़ किलोमीटर पैदल चलता हूं क्योंकि मेरे पास संचार का हिस्सा और अन्य चीजें हैं जिनका ध्यान रखना है। लेकिन दिग्विजय सिंह बिल्कुल अभूतपूर्व हैं। वह सुपर फिट है। उन्होंने 3200 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा यात्रा की है। वह सुबह योग करते हैं। सप्ताह में चार दिन उपवास करते हैं, इसके बाद पूरी यात्रा के समन्वय की जिम्मेदारी भी निभाते हैं।"
भारत जोड़ो यात्रा जब जम्मू कश्मीर पहुंची तब यहां राहुल गांधी और यात्रा की सुरक्षा को लेकर चिंताएं थी। यहां दिग्विजय सिंह और जयराम रमेश एक दिन पहले ही तैयारियों का जायजा लेने जाते रहे। जम्मू कश्मीर में प्रकृति भी कांग्रेस नेताओं के हौसले की परीक्षा ले रही थी। 25 जनवरी को जयराम रमेश और दिग्विजय सिंह आगे की रूट का जायजा लेने बनिहाल के लिए निकले थे। रास्ते में लैंडस्लाइड होने की वजह से उन्हें वापस कैंप में लौटना पड़ा।
I hope @Jairam_Ramesh who is a prolific writer would write “Tale of Two Becharas” on BJY!!
— digvijaya singh (@digvijaya_28) January 26, 2023
We have and shall keep having difference of opinion but as @RahulGandhi ji has said we are a Democratic Party and have a right to air our opinion. But when the Party decides we ACT as ONE. https://t.co/OJOhSbtyTf
इस दौरान दोनों नेताओं को एक छाता बांटते हुए देखा गया। तस्वीरें वायरल होने के बाद दिग्विजय सिंह ने लिखा, "मुझे आशा है कि जयराम रमेश जो एक निपुण लेखक हैं, भारत जोड़ो यात्रा पर "टेल ऑफ़ टू बेचाराज़" लिखेंगे। हमारे बीच मतभेद हैं और रहेंगे लेकिन जैसा कि राहुल जी ने कहा है कि हम एक डेमोक्रेटिक पार्टी हैं और हमें अपनी राय रखने का अधिकार है। लेकिन जब पार्टी तय करती है तब हम एक होकर कार्य करते हैं।"