हिंदुस्तान के पावर स्ट्रक्चर में दलितों की भागीदारी नहीं, हम इसके लिए लड़ाई लड़ रहे, पटना में बोले राहुल गांधी
आज भारत के पॉवर स्ट्रक्चर- शिक्षा, स्वास्थ्य, कार्पोरेट या ज्यूडिशरी में दलित वर्ग की कितनी भागीदारी है? BJP रिप्रेजेंटेशन की बात करती है, लेकिन भागीदारी के बिना रिप्रेजेंटेशन का कोई मतलब नहीं है: राहुल गांधी

नई दिल्ली। दिल्ली में वोटिंग के बीच बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पटना पहुंचे। यहां राहुल गांधी ने बिहार की जातीय गणना पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, 'हम बिहार वाली जातीय गणना नहीं करवाएंगे। अगर देखना है तो तेलंगाना वाली जाति जनगणना देखिए।'
श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में स्वतंत्रता सेनानी जगलाल चौधरी की जयंती समारोह में 15 मिनट के भाषण में कांग्रेस नेता ने दलितों को हक दिलाने का वादा किया। उन्होंने कहा कि हमने इतिहास की किताब में दलितों के बारे में सिर्फ दो लाइन पढ़ी हैं। दलित और अछूत।
राहुल गांधी ने कहा, 'हम अंबेडकर जी और जगलाल चौधरी जी के विचार और उसूलों की बात करते हैं।लेकिन सवाल है कि अंबेडकर जी और जगलाल चौधरी जी के जो विचार थे, वे कहां से आते थे?सच्चाई ये है कि.. दलितों के दिल में जो दुख और दर्द था, अंबेडकर जी और जगलाल चौधरी जी ने उस आवाज को उठाया था।'
राहुल गांधी ने कहा, 'आज भारत के पॉवर स्ट्रक्चर- शिक्षा, स्वास्थ्य, कार्पोरेट या ज्यूडिशरी में दलित वर्ग की कितनी भागीदारी है? BJP रिप्रेजेंटेशन की बात करती है, लेकिन भागीदारी के बिना रिप्रेजेंटेशन का कोई मतलब नहीं है। ये बिलकुल ऐसा ही है- जैसे मैंने आपके बीच में से पांच लोगों को स्टेज पर बैठा दिया, लेकिन उनके फैसले कहीं और से लिए जा रहे हैं। ऐसे में उन्हें स्टेज पर बैठाने का कोई मतलब नहीं है।'
राहुल गांधी ने कहा, 'मोदी सरकार में भी यही हो रहा है- आप लोगों को मंत्री बना देते हैं, लेकिन OSD तो RSS का होता है। देश के बड़े मीडिया हाउस के मालिकों और मैनेजमेंट की लिस्ट निकालिए। उस लिस्ट में आपको एक भी दलित वर्ग का व्यक्ति नहीं मिलेगा, इसीलिए मीडिया में आपके मुद्दे नहीं दिखते हैं। हमें पता लगाना है कि देश में किसकी कितनी आबादी है और कितनी भागीदारी है?'
राहुल गांधी ने कहा कि ये पता करने का तरीका सिर्फ एक है- जातिगत जनगणना! जातिगत जनगणना हमें ये बता देगा कि देश में दलित, OBC, आदिवासी, अल्पसंख्यक और गरीब सामान्य वर्ग के लोग कितने हैं। फिर पता करेंगे कि देश की संस्थाओं में उन लोगों की कितनी भागीदारी है। मैं एक ऐसा दिन देखना चाहता हूं, जब हिंदुस्तान में संस्थाओं की लीडरशिप में दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के लोग दिखें।
कांग्रेस नेता ने आगे कहा, 'मैं वो दिन देखना चाहता हूं, जब देश की टॉप 10 कंपनियों का मालिक दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग से हो। मैं इस लक्ष्य को पाने के लिए लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा। बाबा साहेब ने हमें संविधान दिया। इस संविधान में हिंदुस्तान के लोगों की आवाज है। संविधान ही हमें भागीदारी दे सकता है, हमारी रक्षा करता है। RSS-BJP के लोग इसे ख़त्म करना चाहते हैं, क्योंकि वे जानते हैं, जब तक संविधान है, तब तक देश के गरीबों, दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों को नहीं दबाया जा सकता। आजकल RSS-BJP के नेता अंबेडकर जी के सामने हाथ तो जोड़ते हैं, लेकिन अंबेडकर जी जिन उसूलों के लिए लड़े, उस पर हमला करते हैं।'