उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत का इस्तीफा

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्यपाल बेबी रानी मौर्य को इस्तीफा सौंपा, मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, अनिल बलूनी और अजय भट्ट के नामों की चर्चा

Updated: Mar 09, 2021, 11:28 AM IST

Photo Courtesy : Abp News
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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस्तीफा दे दिया है। रावत ने शाम करीब चार बजे राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंप दिया। इस्तीफा देने के थोड़ी देर बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने अपने इस्तीफे की जानकारी दी। साथ ही बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व को उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने का अवसर देने के लिए धन्यवाद भी दिया। माना जा रहा है कि रावत को राज्य बीजेपी में अंदरूनी असंतोष की वजह से इस्तीफा देना पड़ा है।

नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए जल्द ही उत्तराखंड विधायक दल की बैठक बुलाई जा सकती है। धन सिंह रावत, सतपाल महाराज, अनिल बलूनी और अजय भट्ट जैसे नाम मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। अगर धन सिंह रावत और सतपाल महाराज में से किसी के नाम पर सहमति नहीं बनी, तो नैनीताल से सांसद अजय भट्ट और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी में से किसी एक को राज्य की बागडोर सौंपी जा सकती है।

त्रिवेंद्र सिंह रावत  लगभग चार साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। पिछले कुछ दिनों के दौरान उत्तराखंड बीजेपी में उनके खिलाफ असंतोष सतह पर आ गया था। जिसके बाद बीजेपी हाईकमान ने हाल ही में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत गौतम को देहरादून भेजा था। पार्टी हाईकमान ने दोनों नेताओं से पूरे मामले में हालात की समीक्षा करके रिपोर्ट देने को कहा था। शनिवार को दोनों नेता जब उत्तराखंड पहुंचे तब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गैरसैंण में थे। शनिवार को ही पार्टी के कोर ग्रुप की बैठक में शामिल होने के लिए उन्हें देहरादून तलब किया गया। 

पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट के बाद रावत को कल पार्टी हाईकमान ने संसदीय बोर्ड की बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली तलब किया। रावत महिला दिवस के अवसर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम को रद्द कर फौरन ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए। जिसके बाद बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने उत्तराखंड में मचते सियासी तूफान को देखते हुए रावत को अपनी कुर्सी छोड़ देने का फरमान सुना दिया। माना जा रहा है कि त्रिवेंद्र रावत को हटाने का फैसला रमन सिंह और दुष्यंत गौतम की रिपोर्ट के आधार पर ही लिया गया है।