Land Bank Portal: निवेश के लिए सबसे ज़्यादा ज़मीन गुजरात में

राष्ट्रीय भूमि बैंक पोर्टल में भारत में 3,275 औद्योगिक समूहों में 4.2 लाख हेक्टेयर भूमि का मानचित्रण किया गया है, जिनमें से लगभग 1.13 लाख हेक्टेयर भूमि निवेशकों के लिए उपलब्ध

Updated: Aug 29, 2020, 08:34 AM IST

Photo Courtesy : twitter
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नई दिल्ली। वणिजिय एवं उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने गुरूवार को भूमि बैंक पोर्टल लॉन्च किया। यह पोर्टल निवेशकों की यह जानकारी देगा कि किस राज्य में निवेश के लिए कितनी भूमि उपलब्ध है। जीआईएस-सक्षम राष्ट्रीय भूमि बैंक पोर्टल में भारत में 3,275 औद्योगिक समूहों में 4.2 लाख हेक्टेयर भूमि का मानचित्रण किया गया है, जिनमें से लगभग 1.13 लाख हेक्टेयर भूमि निवेशकों के लिए उपलब्ध है। सरकार ने ऐसे समय में इस पोर्टल को निवेशकों लुभाने के लिए लांच किया है, जब वैश्विक स्तर पर चीन विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं।  

सबसे ज़्यादा भूमि गुजरात में, ओडिशा दूसरे नंबर पर 
निवेश के लिए सबसे ज़्यादा उपलब्ध भूमि भारत के पश्चिमी हिस्से के राज्य गुजरात में है। गुजरात में सबसे ज़्यादा 32 हज़ार 805 हेक्टेयर उपलब्ध है। इसके बाद ओडिशा 21 हज़ार 451 हेक्टेयर उपलब्ध भूमि के साथ दुसरे स्थान पर है। इसी क्रम में  तमिलनाडु (12,200 हेक्टेयर), कर्नाटक (10,116 हेक्टेयर) और महाराष्ट्र (9,671 हेक्टेयर) के साथ तीसरे चौथे व पांचवें पायदन पर है।  

इस समय छह राज्यों में औद्योगिक बेल्ट के बारे में व्यापक जानकारी पोर्टल पर उपलब्ध है । गोयल ने गुरूवार को भरोसा जताया कि दिसंबर तक सभी राज्यों के औद्योगिक बेल्ट को भी शामिल कर लिया जाएगा। हालांकि इस समय  31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भूमि की उपलब्धता का व्यापक विवरण भी अब पोर्टल का हिस्सा है। गोयल ने आगे कहा कि इस पोर्टल को समय के साथ विकसित किया जाएगा।    

भूमि अधिग्रहण में देरी भारत के लिए सबसे बड़ी बाधा 
वाणिज्य मंत्री गोयल ने भूमि अधिग्रहण में देरी को भारत के विकास में सबसे बड़ी बाधा बताया है। गोयल के कथनानुसार भूमि अधिग्रहण में अत्यधिक देरी भारत की एक प्रमुख औद्योगिक राष्ट्र के रूप में उभरने की दावेदारी में सबसे बड़ी बाधाओं में से एक रही है,पोस्को और सऊदी अरामको सहित कई विदेशी कंपनियां हैं, जो असंख्य नियमों और विनियमों का खामियाजा भुगत रही हैं।   

फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि  चूंकि भारत के विशाल हिस्सों में भूमि स्वामित्व खंडित और अव्यवस्थित हैं, इसलिए निजी कंपनियों के लिए प्रत्यक्ष अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे में लैंड बैंक सरकार की एक प्रमुख पहल बन जाता है, जिससे उत्पादन के कारकों में संरचनात्मक सुधार हो सके।