बंगाल में फिर हिंसा: बीजेपी-टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में एक की मौत, छह घायल

बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई है। हिंसा के कारणों का पता लगा रही केंद्रीय गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम ने राजभवन में राज्यपाल धनखड़ से मुलाकात भी की।

Updated: May 09, 2021, 03:56 AM IST

Photo courtesy: amarujala
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कोलकाता। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद भी हिंसा की घटना में ब्रेक नहीं लगा है। बताया जा रहा है वीरभूम जिले में तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प में एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं  छह अन्य घायल बताए जा रहे हैं। घटना की जानकारी पुलिस के एक अधिकारी द्वारा दी गई। अधिकारी ने बताया कि घटना दुबराजपुर विधानसभा क्षेत्र के तहत मुक्तिनगर गांव में उस समय हुई जब बीजेपी के कथित कार्यकर्ताओं के एक समूह ने शुक्रवार रात गांववालों के घरों में घुसने की कोशिश की।


पुलिस के अधिकारी ने कहा, 'पास में मौजूद तृणमूल कांग्रेस सदस्य उन्हें बचाने आए और बीजेपी कार्यकर्ताओं से उनकी झड़प हो गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए.' घायलों का सूरी के जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।

गौरतलब है कि बंगाल में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद हिंसा की घटनाएं व्यापक पैमाने पर हुई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा था कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में चुनाव बाद हिंसा में अलग-अलग दलों के 16 लोगों की मौत हो गयी है। राज्य में चुनाव बाद हिंसा के कारणों का पता लगा रही केंद्रीय गृह मंत्रालय की चार सदस्यीय टीम ने राजभवन में राज्यपाल धनखड़ से मुलाकात की है।


बता दें राज्यपाल ने मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र को पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराने के लिए शनिवार शाम राजभवन बुलाया था। राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक द्वारा चुनाव के बाद हुई हिंसा के संबंध में कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत नहीं कराने के लिए नाराजगी जतायी है।

दोनों अधिकारियों से मुलाकात के बाद धनखड़ ने ट्वीट कर लिखा 'दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों अधिकारी मांगी गयी रिपोर्ट के साथ नहीं आए। उन्हें बिना किसी देरी के रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया। इस तरह का रुख बहुत पीड़ादायक है.' इससे पहले, धनखड़ ने ट्वीट किया था कि गृह सचिव ने राज्य के पुलिस महानिदेशक और कोलकाता पुलिस आयुक्त की रिपोर्ट उन्हें नहीं भेजी हैं।