MP के 94 हजार स्टूडेंट्स को मिली लैपटॉप राशि, सीएम मोहन यादव ने बताया भविष्य निर्माण का औजार
भोपाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 94,234 मेधावी छात्रों को लैपटॉप के लिए ₹25-25 हजार की राशि दी। इस साल 60% लाभार्थी बेटियां रहीं और सरकारी स्कूलों के छात्रों की संख्या प्राइवेट स्कूलों से अधिक रही। सीएम ने कहा कि अगली बार सीधे लैपटॉप दिए जाएंगे।

भोपाल| कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना के तहत 94,234 विद्यार्थियों को ₹25-25 हजार की राशि प्रदान की। 12वीं बोर्ड परीक्षा में 75% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के खाते में यह राशि भेजी गई ताकि वे अपनी पसंद का लैपटॉप खरीद सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार देखा गया है कि कुछ परिवार इस राशि का उपयोग लैपटॉप के बजाय अन्य कार्यों में कर लेते हैं। इसलिए सरकार का प्रयास रहेगा कि आगामी वर्षों से सीधे कंपनियों से गुणवत्तापूर्ण लैपटॉप प्रदान किए जाएं।
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मुख्यमंत्री ने इस बात पर गर्व जताया कि इस वर्ष लाभार्थियों में बेटियों की संख्या बेटों से अधिक रही। 56,246 बेटियां और 37,988 बेटे योजना से लाभान्वित हुए। उन्होंने कहा कि बेटियां पढ़ाई में न केवल बराबरी कर रही हैं बल्कि अब बेटों से आगे निकल रही हैं। यह एक सकारात्मक संकेत है और अब बेटों को भी मेहनत कर अपनी स्थिति मजबूत करनी होगी।
इस बार सरकारी स्कूलों के छात्रों ने प्राइवेट स्कूलों को पीछे छोड़ दिया। लाभ पाने वाले विद्यार्थियों में से 52% सरकारी स्कूलों से हैं जबकि 48% प्राइवेट स्कूलों से। मुख्यमंत्री ने इसे स्कूल शिक्षा विभाग, शिक्षकों और अभिभावकों के साझा प्रयास का नतीजा बताया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से अपील की कि वे केवल डॉक्टर, इंजीनियर या IAS बनने का सपना न देखें, बल्कि राजनीति में भी आकर समाज की सेवा करें। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस का उदाहरण देते हुए स्वाभिमान और नेतृत्व की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि सरकार आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों की सहायता कर रही है, जो प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में चयनित हुए हैं। ऐसे छात्रों की फीस सरकार 80 लाख तक वहन करेगी, बशर्ते वे नीट क्वालिफाई करें और पढ़ाई के बाद 5 साल तक प्रदेश में सेवा करें।
जनजातीय कार्य मंत्री डॉ. कुँवर विजय शाह ने जानकारी दी कि पहली बार आदिवासी विद्यार्थियों के लिए JEE, NEET, IAS और NET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की निशुल्क तैयारी हेतु आवास, भोजन और कोचिंग की व्यवस्था की गई है। हर संभाग में लड़के-लड़कियों के लिए आवासीय केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं, जिनके लिए ₹25-25 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।
स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि अब शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही किताबें, बैग और लैपटॉप जैसे संसाधन समय पर मिल रहे हैं। योजना की शुरुआत 2009-10 में केवल 500 विद्यार्थियों से हुई थी, जो अब 94 हजार से अधिक छात्रों तक पहुंच गई है। योजना के अंतर्गत अब तक कुल 4.32 लाख छात्रों को लाभ मिला है और ₹1080.04 करोड़ की राशि वितरित की जा चुकी है। वर्ष 2025 में ही ₹235.58 करोड़ की राशि वितरित की गई है। मुख्यमंत्री ने इसे ज्ञान की असली कुंजी बताते हुए कहा कि एक किताब, एक लैपटॉप और एक गुरु ही जीवन के सच्चे साथी हैं।