आप डीजे बजाते हैं उसका क्या, लाउडस्पीकर से अजान पर प्रतिबंध की मांग वाली याचिका खारिज

Gujarat News: गुजरात हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें यह कहा गया था कि लाउडस्पीकर पर अजान करने से ध्वनि प्रदूषण होता है और इसपर प्रतिबंध लगाना चाहिए।

Updated: Nov 29, 2023, 01:45 PM IST

गुजरात हाई कोर्ट ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर अजान कराए जाने को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। उच्च न्यायालय का कहना है कि मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर अजान की जा सकती है। दरअसल, लाउडस्पीकर से अजान से ध्वनि प्रदूषण उत्पन्न होने की शिकायत को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया।

गुजरात हाई कोर्ट ने याचिका की उस बात पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें कहा गया था कि लाउडस्पीकर पर अजान करने से ध्वनि प्रदूषण पैदा होता है। हाई कोर्ट ने याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि किसी भी धर्म में पूजा-पाठ के लिए सीमित समय की आवश्यकता होती है। मंदिरों में आरती सीमित समय के लिए लाउडस्पीकर पर बजाई जाती है। इसका कोई आधार और प्रमाण नहीं है कि मस्जिदों में सीमित अविधि के लिए अजान को ध्वनि प्रदूषण माना जा सकता है।

मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध पी. मायी की खंडपीठ ने सुनवाई के दौरान यह भी पूछा कि क्या याचिकाकर्ता यह दावा कर सकता है कि किसी मंदिर में आरती के दौरान घंटियों शोर बाहर नहीं सुनाई देता है। कोर्ट ने कहा है कि क्या आप आप ऐसा संगीत नहीं बजाते हैं जो अशांति का कारण बनता है? याचिकाकर्ता के वकील डीजी शुक्ला ने जवाब दिया कि संगीत घर में बजाया जाता है, न कि मस्जिद जैसे सार्वजनिक स्थान पर।  

इसपर कोर्ट ने कहा कि हम घरों में बजाए जाने वाले संगीत के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। आप किसी मंदिर में भजन या आरती के लिए तेज संगीत भी बजाते हैं। क्या यह अशांति का कारण नहीं बनता है? यह (अज़ान) अशांति कैसे पैदा करता है? यह कुछ मिनटों के लिए है। 10 मिनट से भी कम समय (दिन के दौरान) यह होता है। हालांकि, वकील ने जोर देकर कहा कि मंदिरों में आरती के विपरीत अजान दिन में पांच बार होती है। इसपर पीठ ने दोहराया कि अजान पूरे दिन केवल 10 मिनट के लिए होती है और शायद ही कोई प्रदूषण फैलाती है।