शंभू बॉर्डर पर हालात तनावपूर्ण, पुलिस ने अन्नदाताओं पर दागे आंसू गैस के गोले, सात किसान घायल

विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों को शंभू बॉर्डर पर दिल्ली की ओर बढ़ने से पुलिस ने रोक दिया। जैसे ही किसानों ने बैरिकेड पर चढ़ने की कोशिश की पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।

Updated: Dec 06, 2024, 10:36 PM IST

नई दिल्ली। फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी और कर्जमाफी समेत अन्य मांगों को लेकर किसानों का प्रदर्शन जारी है। पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर बीते 11 महीने से डटे किसान आज दिल्ली कूच करने वाले थे। 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए पैदल मार्च करने वाला था लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोक दिया।

शंभू बॉर्डर पर जैसे ही किसानों ने बैरिकेड पर चढ़ने की कोशिश की पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे।
दिल्ली मार्च शुरू होने के करीब साढ़े तीन घंटे बाद किसान शंभू बॉर्डर से पीछे हट रहे हैं। किसान नेता सरवन सिंह ने कहा कि हमारे काफी नेता घायल हुए हैं। हम जत्थे को वापस बुला रहे हैं। मार्च पर फैसला बाद में लिया जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक हरियाणा पुलिस की तरफ से छोड़े गए आंसू गैस के गोलों के कारण अब तक 7 किसान घायल हो चुके हैं। जत्थे के अगुआई कर रहे सुरजीत फूल भी चपेट में आ गए हैं। 2 किसानों की तबीयत ज्यादा खराब हो गई है। उन्हें एंबुलेंस में अस्पताल ले जाया गया। वहीं किसान आंसू गैस के गोलों से बचने के लिए गीली बोरी लेकर आए हैं, ताकि गोले के गिरते ही उस पर गीली बोरी फेंककर धुएं से बच सकें।

किसानों पर आंसू गैस छोड़े जाने पर पहलवान बजरंग पूनिया ने तल्ख टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि पहले जब किसान ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली आ रहे थे, तब आपने हल्ला मचाया कि ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर किसान न आएं, अगर आना है तो पैदल आएं। अब जब किसान पैदल आ रहे हैं, तो आपको इससे भी दिक्कत है। असल में समस्या ट्रैक्टर-ट्रॉली की थी ही नहीं। तुम्हें दिक्कत तो किसानों से है। सच तो यह है कि आप किसानों को उनके हक देना ही नहीं चाहते। लेकिन चिंता मत करिए, किसान अपने हक लेना बखूबी जानते हैं।

किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा कि हम शांतिपूर्ण तरीके से जाना चाहते थे। हमें जंतर-मंतर या रामलीला मैदान में जगह दे देते। हम वहां अपनी बात रख पाते। हमारे साथ क्या किया जा रहा, यह पूरी दुनिया देख रही है। पंधेर ने कहा कि हम आगे बढ़ेंगे। हमें उम्मीद है कि सरकार बातचीत का रास्ता खोलेगी। उन्होंने कहा कि अभी इंतजार कर रहे हैं, अगर दिल्ली नहीं जाने देते तो फिर हम शाम को रणनीति बनाएंगे। पंधेर ने कहा कि सरकार या तो हमें दिल्ली जाने दे या फिर बातचीत करे।

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बता दें कि पंजाब और हरियाणा की सीमाओं पर बीते 11 महीने से किसान धरना दे रहे हैं। यहां पर किसान ट्रैक्टर ट्रालियों में ही सोते हैं और खाना पीना भी यहीं पर हो रहा है। आज किसानों ने दिल्ली जाने का ऐलान किया है, हालांकि, सरकार ने अनुमति नहीं दी है। शंभू बॉर्डर पर तनाव के माहौल के बीच पंजाब के तरनतारन, अमृतसर, फिरोजपुर, बठिंडा, संगरूर और पटियाला जैसे जिलों के साथ-साथ हरियाणा के अंबाला और सिरसा जिलों से भी किसानों का निरंतर आना जारी है।