दिल्ली शराब घोटाला केस में केजरीवाल को ED का चौथा समन, AAP ने बताया गिरफ्तार करने की साजिश

दिल्ली शराब घोटाले में ED ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिर से समन भेजा है। जांच एजेंसी ने उन्हें 18 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है।

Updated: Jan 13, 2024, 02:21 PM IST

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। ईडी ने दिल्ली शराब घोटाला केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिर से समन भेजा है। जांच एजेंसी ने उन्हें 18 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। आम आदमी पार्टी ने इसे गिरफ्तार करने की साजिश करार दिया है।

CM केजरीवाल को ED का यह चौथा समन मिला है।
इससे पहले उन्हें 3 जनवरी और पिछले साल 2 नवंबर और 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। हालांकि, तीनों बार केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे। CM केजरीवाल की ओर से 3 जनवरी को ED से कहा गया था कि वे राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस की तैयारियों में व्यस्त हैं। उनसे जो भी पूछना हो लिखित में भेज दें।

इसके पहले 2 नवंबर को केजरीवाल ने ED के समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित बताया था। 21 दिसंबर का समन मिलने के बाद केजरीवाल 10 दिन के विपश्यना के लिए पंजाब के होशियारपुर चले गए थे। बहरहाल आम आदमी पार्टी ने कहा है कि हम ED की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ED का समन गैरकानूनी है। ये केजरीवाल को गिरफ्तार करने की साजिश है, ताकि लोकसभा चुनाव में केजरीवाल प्रचार न कर सकें।

कानून के जानकारों के अनुसार, CM केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ED उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है। यदि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ED समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। PMLA एक्ट में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है।

अगर CM केजरीवाल आगे पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं। वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ED को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकती है।