भोपाल में सफाईकर्मियों का प्रदर्शन, आधी सैलरी से नाराज कर्मचारियों ने रोका काम

भोपाल में आधी सैलरी मिलने से नाराज सफाईकर्मियों ने शनिवार को कचरा उठाना बंद कर दिया और हड़ताल पर बैठ गए। कोलार क्षेत्र में सफाई पूरी तरह ठप रही। कर्मचारियों ने पूरे वेतन और अटेंडेंस सिस्टम में बदलाव की मांग की।

Publish: Nov 08, 2025, 03:04 PM IST

Photo Courtesy: DB
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भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार सुबह से सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई। आधे महीने की सैलरी मिलने से नाराज नगर निगम के सफाईकर्मियों ने कचरा उठाना बंद कर दिया और निगम कार्यालयों के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। कोलार इलाके में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। जबकि, शहर के अन्य क्षेत्रों में भी सफाई कार्य बुरी तरह प्रभावित रहा था।

नाराजगी का केंद्र बने कोलार के गेहूंखेड़ा स्थित निगम कार्यालय में सुबह से ही सैकड़ों सफाईकर्मी एकत्रित हो गए और नारेबाजी करने लगे। कर्मचारियों का कहना है कि निगम ने केवल 16 से 31 अक्टूबर तक की ही तनख्वाह जारी की है। जबकि, वे पूरे महीने काम पर थे। यह फैसला नए आधार बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम के कारण लिया गया जिसे 16 अक्टूबर से लागू किया गया था। पहले कर्मचारी सार्थक ऐप से उपस्थिति दर्ज करते थे।

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सफाईकर्मियों के समर्थन में कांग्रेस भी खुलकर सामने आ गई है। पार्टी नेता रविंद्र साहू शनिवार को प्रदर्शन स्थल पहुंचे और कर्मचारियों के साथ बैठ गए। उन्होंने कहा, “भोपाल को स्वच्छ बनाने में सफाईकर्मियों का सबसे बड़ा योगदान है। उन्हें आधे महीने का नहीं पूरे महीने का वेतन मिलना चाहिए। अगर जरूरत पड़ी तो मैं खुद भूख हड़ताल पर बैठूंगा।”

इसी बीच नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष शबिस्ता जकी ने भी कर्मचारियों की मांग को जायज ठहराया और निगम प्रशासन से तत्काल समाधान की मांग की। उन्होंने कहा,“आधे महीने की तनख्वाह से कैसे चलाएं घर?” भारतीय सफाई मजदूर संघ के अध्यक्ष सोनू डागर ने कहा कि सफाईकर्मी अपनी सैलरी पर ही पूरी तरह निर्भर हैं। उन्होंने कहा,“इसी से बच्चों की फीस, घर का खर्च, और लोन की किस्तें पूरी होती हैं। आधी तनख्वाह में गुजारा असंभव है। डागर का कहना है कि अगर अटेंडेंस का नया सिस्टम 1 नवंबर से शुरू किया जाता तो कर्मचारियों को पूरे महीने की तनख्वाह मिल जाती।

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सफाईकर्मियों ने नए सिस्टम के साथ कार्य समय में बदलाव की भी मांग की थी। संगठन का कहना है कि महिलाओं की ड्यूटी सुबह 8 बजे और पुरुषों की 7 बजे तय की जानी चाहिए ताकि वे घरेलू कामकाज के साथ सफाई का काम भी संभाल सकें। इस संबंध में निगम कमिश्नर संस्कृति जैन से मुलाकात भी की गई थी लेकिन मांग पर कोई अमल नहीं हुआ। उन्होंने कहा,“आधा वेतन और पूरा काम, ऐसा नहीं चलेगा, यह अपमान है।”

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के महामंत्री उमाशंकर तिवारी ने सफाईकर्मियों की मांगों को उचित ठहराते हुए कहा,“जिन सफाईकर्मियों पर कभी फूल बरसाए गए और जिनके पैर धोकर सम्मान किया गया था। आज उन्हीं को आधे महीने की तनख्वाह देकर अपमानित किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि भोपाल को स्वच्छता रैंकिंग में दूसरे स्थान पर पहुंचाने वाले इन कर्मचारियों को सम्मानजनक वेतन मिलना चाहिए। तिवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

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प्रदर्शन का सबसे अधिक असर कोलार क्षेत्र में देखा गया जहां सुबह से ही कचरा उठाने की कोई गाड़ी नहीं निकली। जिसकी वजह से मुख्य सड़कों और मोहल्लों में कचरा जमा होने लगा है। भारतीय सफाई मजदूर संघ ने चेतावनी दी है कि जब तक पूरा वेतन नहीं दिया जाता तब तक सफाई कार्य बहाल नहीं किया जाएगा। निगम प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, लोगों का कहना है कि मामला कमिश्नर तक पहुंच चुका है और समाधान पर चर्चा चल रही है। दूसरी ओर कर्मचारियों का गुस्सा लगातार बढ़ रहा है और यदि जल्द निर्णय नहीं हुआ तो हड़ताल शहरव्यापी रूप ले सकती है।

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