जी भाईसाहब जी: बीजेपी की विकास यात्रा में आईना बनकर सामने आयीं भ्रष्‍टाचार की कहानियां

MP Politics: सरकार की उपलब्धियां दिखाने के लिए निकाली जा रही विकास यात्राओं के दौरान विकास दिखाने की कोशिशों की राह में सच आ कर खड़ा हो गया है । पहले दो दिनों में ही यात्रा का ‘भ्रष्‍टाचार’ से सामना हो गया। जनता ही नहीं बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता भी सरकार को आईना दिखा रहे हैं। 

Updated: Feb 07, 2023, 01:47 PM IST

बिजली मंत्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ने धोए पैर। विकास यात्रा के पहले लगा बैनर।
बिजली मंत्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर ने धोए पैर। विकास यात्रा के पहले लगा बैनर।

मध्‍य प्रदेश की बीजेपी सरकार के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री, सांसद, विधायक सहित सभी जनप्रतिनिधि विकास यात्रा निकाल रहे हैं। ये यात्राएं सरकार की उपलब्धियां और विकास दिखाने के लिए की जा रही है मगर विकास दिखाने की कोशिश के पहले दो दिनों में ही नेताओं का ‘भ्रष्‍टाचार’ से सामना हो गया है। जनता ही नहीं बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता ही सरकार को यह आईना दिखा रहे हैं। 

विकास यात्राएं 5 फरवरी से शुरू हुई है। मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर अपने क्षेत्र में पहुंचे स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री प्रभुराम चौधरी को जनता ने घेर लिया। जमुनिया गांव में लोगों उन्‍हें रोक कर सफाई, नाली, सड़क सहित अपनी समस्‍याओं को लेकर सवाल पूछने शुरू कर दिए। अफसरों ने ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। जल्‍द मांगें पूरी करने के आश्‍वासन के बाद ही मंत्री चौधरी का दौरा पूरा हुआ। 

दूसरा मामला ग्‍वालियर का है। ग्वालियर की बदहाल सड़कें बीजेपी नेताओं के लिए मुसीबत बनी हुई है। बिजली मंत्री प्रद्युम्‍न सिंह तोमर तो अपनी ही सरकार में इतने असहाय हो गए थे कि करीब छह माह तक वे बिना चप्‍पल जूतों के रहे। उन्‍होंने संकल्‍प लिया था कि जब तक सड़क नहीं बनेगी वे नंगे पैर ही रहेंगे। इतना ही नहीं पिछले दिनों मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने एक व्यक्ति के पैर धोए तथा ग्वालियर में सड़क की खराब स्थिति के लिए जनता से माफी मांगी। 

अब उसी ग्‍वालियर में जिन सड़कों से विकास यात्रा गुजरी वहां घरों पर खराब सड़क निर्माण की नाराजगी वाले बैनर लगा गए। ऊर्जा मंत्री प्रद्यम्न सिंह तोमर ने यह कह कर पल्‍ला झाड़ लिया कि यह बैनर जनता ने नहीं किसी और ने लगाए हैं। मगर सड़क सरकार की विकास यात्रा को आईना तो दिखा रही है तभी तो यात्रा की पहली रात नगर निगम कर्मचारी सड़कों के गड्ढे भर कर मार्ग सुधार रहे थे।

जनता का आक्रोश अपनी जगह, खुद बीजेपी नेता ही अपनी सरकार को खरी खरी सुना रहे है। करैरा के पूर्व विधायक व कुक्कुट विकास निगम के अध्यक्ष जसवंत जाटव ने शिवराज सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार की पोल खोल कर रख दी है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्‍त जसवंत जाटव कह रहे हैं कि राजस्व विभाग, तहसीलदार हो, एसडीएम हो, चाहे उसके नीचे पटवारी या आरआई हमारी दोनों तहसील में कोई भी नामांतरण, बंटवारा या रजिस्ट्री बिना सुविधा शुल्क के नहीं हो रही है। हमारे क्षेत्र की जनता को उस चीज़ के लिए भटकना पड़ रहा है जो उनका अधिकार है।

पार्टी चाहती है कि पूरे समय क्षेत्र से गायब रहे मंत्री जनता के बीच पहुंच कर कनेक्‍शन बनाए जबकि विकास यात्रा में जनता नेताओं को घेर रही हैं। उनके पास सवालों के जवाब नहीं है। वे असहज स्थितियों में फंसने के बाद किसी तरह वहां से बच निकलने का रास्‍ता खोजते हैं। अभी विकास यात्रा की शुरुआत है। ऐसे ही हाल रहे तो आगे यात्रा मार्ग पर ऐसे प्रबंध किए जाएंगे कि कोई विरोध प्रदर्शन या आक्रोश की अभिव्‍यक्ति नहीं कर सके। ताकि न फजीहत होगी न विकास की पोल खुलेगी।

मोहन भागवत के बयान से वीडी शर्मा खेमा खुश 

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के एक बयान के बाद उठे विवाद से मध्‍य प्रदेश बीजेपी प्रदेश अध्‍यक्ष वीडी शर्मा के समर्थकों के चेहरे खिल गए हैं। जी हां, जहां पूरी पार्टी बयान से हुए नुकसान की भरपाई में लगे हैं तो वीडी शर्मा के समर्थकों को लगता है कि अब वीडी शर्मा के कार्यकाल को बढ़ाना पार्टी के लिए राजनीतिक मजबूरी भी हो जाएगी। 

रविदास जयंती पर संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने मुंबई में कहा था कि जाति, वर्ण और संप्रदाय पंडितों के द्वारा बनाए गए थे। इसे पंडितों के खिलाफ दिया गया बयान माना गया और सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर ब्राह्मणों ने संघ प्रमुख के बयान पर नाराजगी जाहिर करते हुए टिप्पणियां कर दी। बयान के खिलाफ आक्रोश उपजता देख संघ और भाजपा के ब्राह्मण नेताओं को डैमेज कंट्रोल के लिए आगे आना पड़ा है। 

मध्‍य प्रदेश में भी बीजेपी पर ब्राह्मण विरोधी होने के आरोप लगते रहे हैं। पार्टी के बड़े ब्राह्मण नेता गोपाल भार्गव, डॉ. नरोत्‍तम मिश्रा को राजनीतिक रूप से अलग-थलग रखने के प्रयास होते रहते हैं जबकि कद्दावर नेता रहे अनूप मिश्रा को पार्टी ने पूरी तरह से साइड लाइन कर दिया है। ऐसे में यदि वीडी शर्मा को प्रदेश अध्‍यक्ष के रूप में कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाता है तो यह भी ब्राह्मण विरोधी कदम ही माना जाएगा। इसलिए उनके समर्थक कह रहे हैं कि भागवत के बयान से हुए डैमेज कंट्रोल के लिए वीडी शर्मा के कार्यकाल को बढ़ाना ही उचित विकल्‍प होगा। 

यूं भी बीजेपी ने अपने राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल लोकसभा चुनाव होने तक बढ़ा दिया है। मध्‍य प्रदेश में वीडी शर्मा का कार्यकाल 15 फरवरी को खत्‍म हो रहा है। सामान्‍य रूप से माना गया है कि उनका कार्यकाल भी बढ़ा दिया जाएगा मगर अब तक कोई संकेत नहीं मिलने से समर्थकों में बेचैनी थी। वीडी शर्मा के विरोधी भी नेतृत्‍व बदलवाने की जुगत लगा रहा है। ऐसे में संघ प्रमुख मोहन भागवन के बयान को वीडी शर्मा के संकट निवारण के साधन के रूप में देखा जा रहा है।   

ग्‍वालियर से साधे जाएंगे दलित वोट 

मिशन 2023 के लिए कांग्रेस और बीजेपी हर तरह से समीकरणों को साध रहे हैं। क्षेत्रीय समीकरण के साथ जातीय और वर्ग के आधार पर मतदाताओं को लुभाने के प्रयत्‍न किए जा रहे हैं। रविदास जयंती पर ग्‍वालियर में हुआ बीजेपी और कांग्रेस नेताओं का जमावड़ा बताता है कि विधानसभा चुनाव 2023 में ग्‍वालियर क्षेत्र से पूरे प्रदेश के दलित वोटों को साधा जाएगा। 

ग्‍वालियर में राज्‍य सभा सांसद दिग्विजय सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का थाटीपुरा में आयोजित संत रविदास जयंती कार्यक्रम में शामिल होना तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बीजेपी के रविदास जयंती कार्यक्रम में शामिल होना यही संकेत हैं। 

इस बार ग्वालियर के चुनावी रणनीति के फोकस में होने के कई कारण है। पहला, यह सिंधिया का क्षेत्र है। कांग्रेस सरकार गिराने के बाद हुए उपचुनाव में यहां कांग्रेस ने अच्‍छा प्रदर्शन किया था और बीजेपी से खड़े हुए सिंधिया समर्थकों को जीतने के लिए कड़ा परिश्रम करवाया था। दूसरा, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की 34 विधानसभा सीटों में दलित वोट का अच्‍छा खासा असर है। प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में एससी की 84 सीट आरक्षित हैं। इन 84 सीटों के अलावा भी अन्‍य सीटों पर दलित और आदिवासी वोट प्रभावी हैं। 

बीजेपी ने पेसा एक्‍ट और आदिवासी क्रांतिकारियों टंट्या मामा भील और‍ बिरसा मुंडा की जयंती पर बड़े आयोजनों के सहारे आदिवासी वोट बैंक को साधने का काम किया है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मालवा निमाड़ के आदिवासी क्षेत्रों से गुजरी थी। इस यात्रा ने कांग्रेस की जमीन मजबूत करने का काम किया है। 

अब दलित वोट साधने की बारी है। कांग्रेस ग्‍वालियर में सिंधिया के विरूद्ध अपनी ताकत दिखाना चाहती हैं जबकि बीजेपी सिंधिया खेमे को तवज्‍जो मिलने से नाराज अपने ही नेताओं को ‘मैनेज’ करना चाहती है। दूसरा, ग्‍वालियर से निकला दलित हितैषी होने का संदेश पूरे प्रदेश में काम करेगा। रविदास जयंती पर ग्‍वालियर में हुए राजनीतिक जमावड़े के केंद्र में यही लाभ है। 

बीजेपी की टीम ‘बी’ बन एमपी में आप का खेला 

आम आदमी पार्टी पर यह आरोप लगता रहा है कि वह बीजेपी की बी टीम के रूप में काम कर रही है। उसके प्रत्‍याशी सीधे चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबला बनाने का काम करते हैं और कांग्रेस के वोट को काट कर बीजेपी को फायदा पहुंचाते हैं। आम आदमी पार्टी ने जब मध्‍य प्रदेश में सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषण की तो मध्‍य प्रदेश में भी यही आरोप लग गए। यह आरोप किसी ओर ने नहीं बल्कि खुद आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों ने लगाया है। 

दमोह में आम आदमी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुनील राय के नेतृत्व में एक बैठक आयोजित कर गई। इस बैठक में पार्टी नेताओं ने अपना दु:ख जाहिर करते हुए कहा कि प्रदेश में आम आदमी पार्टी भाजपा के इशारे पर चल रही है और सिर्फ वोट काटो पार्टी बनकर रह गई है। जिलाध्यक्ष सुनील राय ने खुल कर आरोप लगाया कि क्षेत्र के प्रभारी धनेंद्र जैन ने दूसरी पार्टियों से मिलकर प्रत्याशी बनाए और इलाके में पार्टी के पार्षद तक चुनकर नहीं आ पाए। इसके बाद बुंदेलखण्ड क्षेत्र के सागर, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ के जिलाध्यक्षों ने मिलकर पार्टी आलाकमान को शिकायत भी की लेकिन कोई असर नही हुआ।

आम आदमी पार्टी ही नहीं बीजेपी में भी गुजरात फार्मूला 2 पर ऐसी की अटकलें हैं। गुजरात में बीजेपी ने मौजूदा विधायकों के टिकट काट कर सत्‍ता विरोधी लहर को खत्‍म किया था। इसे गुजरात फार्मूला कहा जाता है। इसी तरह बराबरी के मुकाबले वाले क्षेत्रों में तीसरे दल या निर्दलीय प्रत्‍याशी को खड़ा करवा कर विरोधी दल के वोट काटे जाते हैं। इसे गुजरात फार्मूला 2 कहा गया है। इसी फार्मूला 2 के तहत रणनीति है कि मध्‍य प्रदेश में आम आदमी पार्टी के उम्‍मीदवार खड़े करवा कर कांग्रेस के वोट काटे जाएं और सत्‍ता समीकरण साध लिए जाएं।