पुरुषों को भी पीरियड्स होते तो उन्हें समझ आता, MP में 6 महिला जजों की बर्खास्तगी पर बोला सुप्रीम कोर्ट
जून 2023 में मध्य प्रदेश सरकार ने असंतोषजनक प्रदर्शन का हवाला देते हुए छह महिला जजों को बर्खास्त कर दिया था। इनमें से एक महिला जज गर्भपात के कारण काफी समय तक परेशान रहीं थीं।
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में बर्खास्त की गई 6 महिला जजों के मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी की है। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि पुरुषों को भी पीरियड्स होते तो समझ आता। शीर्ष न्यायालय की यह टिपण्णी कार्यक्षेत्र में व्याप्त लैंगिक भेदभाव की कलई खोलने के लिए काफी है। जहां जजों तक को महिला होने के कारण बर्खास्त कर दिया जाता है।
दरअसल, जून 2023 में मध्य प्रदेश सरकार ने असंतोषजनक प्रदर्शन का हवाला देते हुए छह महिला जजों को बर्खास्त कर दिया था। तब ये फैसला राज्य कानून विभाग, एक प्रशासनिक समिति और हाई कोर्ट के जजों की एक बैठक के बाद लिया गया था। इस बैठक में प्रोबेशन अवधि के दौरान इन महिला जजों के प्रदर्शन को असंतोषजनक बताया गया था।
नवंबर 2023 में उच्चतम न्यायलय ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था। जुलाई 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने फिर से मध्य प्रदेश हाई कोर्ट से एक महीने के भीतर इस मामले पर नए सिरे से विचार करने को कहा। इस साल अगस्त में न्यायालय ने पुनर्विचार किया और चार न्यायाधीशों को बहाल करने का फैसला किया। जबकि अन्य दो महिलाओं - अदिति कुमार शर्मा और सरिता चौधरी - की बर्खास्तगी जारी रही।
एक रिपोर्ट में, उच्च न्यायालय ने कहा कि 2019-20 के दौरान उनका प्रदर्शन "बहुत अच्छा" और "अच्छा" रेटिंग से गिरकर बाद के वर्षों में "औसत" और "खराब" हो गया। अदिति कुमार शर्मा जब जज थी, उसी दौरान उसका गर्भपात हो गया। गर्भपात के कारण काफी समय तक परेशान रहीं। आरोप है कि उनकी इस स्थिति पर विचार नहीं किया गया और खराब परफॉर्मेंस का हवाला देते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया।
शर्मा ने उच्च न्यायालय को लिखे अपने नोट में बताया कि जब उनका गर्भपात हुआ, तब वे मातृत्व और शिशु देखभाल अवकाश पर थीं। उन्होंने कहा कि इसे उनके प्रदर्शन का हिस्सा मानना घोर अन्याय होगा। साथ ही, गर्भपात उनके समानता के मौलिक अधिकार और जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।
मंगलवार को इस मामले की सुनवाई करने वाली दो न्यायाधीशों की पीठ में शामिल न्यायमूर्ति नागरत्ना ने कहा, 'महिला गर्भवती हो गई है और उसका गर्भपात हो गया है। गर्भपात से गुजर रही महिला का मानसिक और शारीरिक आघात। यह क्या है? मैं चाहती हूं कि पुरुषों को भी मासिक धर्म हो। तब उन्हें पता चलेगा कि यह क्या है।'