बैडमिंटन सेमीफाइनल में पीवी सिंधु की करारी हार, ताईजु यिंग ने कड़े मुकाबले में हराया
भारतीय शटलर पीवी सिंधु महिला एकल सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताईजु यिंग से 18-21, 12-21 से हार गईं, कल कांस्य मेडल के लिए खेलेंगी

टोक्यो। इंडियन शटलर पीवी सिंधु विमन सिंग्ल्स सेमीफाइनल में चीनी ताइपे की ताईजु से 18-21, 12-21 से हार गईं। अब रविवार को कांस्य मेडल के लिए मुकाबला होगा। यह सिंधु का तीसरा ओलंपिक था। भारत को सिंधु से काफी उम्मीदें थीं। बैडमिंटन मैच में चीनी ताइपे की वर्ल्ड नंबर वन खिलाड़ी ताईजु यिंग और वर्ल्ड नंबर-7 पीवी सिंधु के बीच टक्कर हुई। पीवी सिंधु इस मैच को जीतकर भारत के लिए कम से कम सिल्वर मेडल पक्का करने में लगी थीं। शुरुआती दौर में ताईजु पर सिंधु ने बढ़त बनाई थी। लेकिन ताईजु ने पहले ही सेट में कड़ी टक्कर देते हुए सिंधु को हरा दिया। दूसरे सेट में एक बार पिछड़ने के बाद पीवी सिंधु वापसी ही नहीं कर पाईं। दूसरे गेम का फैसला 21-9 से ताई के पक्ष में गया।
#TokyoOlympics: Indian shuttler PV Sindhu loses to Tai Tzu-ying of Chinese Taipei 18-21, 12-21 in women's singles semi-final, to play for bronze tomorrow pic.twitter.com/qaZFyMlhin
— ANI (@ANI) July 31, 2021
इससे पहले ग्रुप स्टेज शुरुआती मैच में पीवी सिंधु ने इजराइल की सेनिया पोलिकरपोवा को शिकस्त दी थी। दूसरा मैच हांगकांग की गन यी चियुंग से था। जिसमें सिंधु ने जीत हासिल की थी। वहीं प्री-क्वार्टर फाइनल में उन्होंने डेनमार्क की मिया ब्लिचफेल्ट को 21-15, 21-13 से हराया है। सिंधु ने क्वार्टर फाइनल में जापानी खिलाड़ी अकाने यामागूची को 21-13, 22-20 से मात दी।
विश्व की नंबर वन खिलाड़ी ताईजु और पीवी सिंधु के बीच पहले भी मुकाबले हुए हैं। जिनमें पिछले दोनों मैच सिंधु हार गई थीं। जबकि ताईजु ने अपने सभी ओलिंपिक मैच जीते हैं। सिंधु ओलिंपिक सेमीफाइनल में पहली बार एक ऐसी विपक्षी के खिलाफ उतरेंगी, जिनका हेड टु हेड रिकॉर्ड उनसे बेहतर है।
ताईजु पहली बार ओलिंपिक का सेमीफाइनल खेल रही हैं, जबकि सिंधु वर्ल्ड चैंपियनशिप में तीन ब्रॉन्ज मेडल, दो सिल्वर मेडल और एक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। पीवी सिंधु ने रियो ओलिंपिक में ताईजु को राउंड स्टेज में 21-13, 21-15 से शिकस्त दी थी। पीवी सिंधु रियो ओलंपिक के फाइनल में पहुंची थीं। तब उन्हे स्पेन की कैरोलिना मरीन ने हरा दिया था, तब पीवी सिंधु को सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा था ।