हर दिन 242 करोड़ का कर्ज ले रही है मोहन सरकार, माकपा ने कर्जखोरी पर उठाए सवाल
माकपा ने कहा कि मोहन यादव सरकार चालू वित्त वर्ष में 1 अक्टूबर तक 37400 करोड़ का कर्ज ले चुकी है। इस तरह इस वित्तीय वर्ष के 154 दिनों में हर रोज 242.85 करोड़ का कर्ज ले रही है।

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार कर्ज की दलदल में धंसती जा रही है। राज्य सरकार ने दशहरा पर्व के बीच 1 अक्टूबर को फिर से तीन हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। कर्ज़खोरी को लेकर CPIM ने सीएम मोहन यादव को घेरा है। माकपा ने कहा कि विकास की डींगे हांकने वाली मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार चालू वित्त वर्ष में 1 अक्टूबर तक 37400 करोड़ का कर्ज ले चुकी है। इस तरह इस वित्तीय वर्ष के 154 दिनों में हर रोज 242.85 करोड़ का कर्ज ले रही है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने बयान जारी कर कहा कि एक अक्टूबर को भाजपा की प्रदेश सरकार ने तीन हजार करोड़ का कर्ज लिया है, जिसकी अनुमति देने से पहले रिजर्व बैंक ने सरकारी बांड्स की नीलामी की है। इससे पहले 9 सितंबर को चार हजार करोड़ और इसके 13 दिन बाद 22 सितंबर को भी तीन हजार करोड़ का कर्ज लिया है। इससे पहले 26 अगस्त को भी मोहन यादव सरकार ने 4800 करोड़ का कर्ज लिया था।
माकपा नेता ने आरोप लगाते हुए कहा कि यह कर्ज प्रदेश के विकास के लिए नहीं बल्कि भाजपा नेताओं, मंत्रियों, सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों के साथ साथ आरएसएस द्वारा संचालित गैर सरकारी संगठनों की तिजोरियां भरने के लिए लिया जा रहा है, जिसे प्रदेश की जनता के खून पसीने की कमाई से चुकता किया जाएगा। जसविंदर सिंह ने कहा है कि अभी तक प्रदेश पर 4.60 लाख करोड़ हो गया है, जबकि 31 मार्च 2025 तक प्रदेश पर 4.21 लाख करोड़ का कर्ज था।
जसविंदर सिंह ने कहा कि यदि इसी रफ्तार से कर्ज बढ़ता गया तो बाकी बचे 211 दिनों में सरकार कम से कम 51062 करोड़ का कर्ज लेगी। इसका अर्थ होगा कि इस वित्तीय वर्ष के अंत तक जब मोहन यादव सरकार प्रदेश के विकास की डींगें मारेगी, प्रदेश की जनता पर 5.11 लाख करोड़ से ज्यादा का कर्ज हो चुका होगा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने कहा है कि भाजपा सरकार के 22 साल प्रदेश की जनता के लिए लूट के साल तो रहे ही हैं, आने वाली पीढ़ियों को भी इस कर्ज को चुकाने की सजा भुगतनी पड़ेगी।