तीरंदाजी वर्ल्ड कप में एक ही दिन में तीन गोल्ड मेडल जीतकर दीपिका कुमारी ने विश्व रैंकिंग में पाया पहला स्थान

पेरिस में हो रहे आर्चरी वर्ल्ड कप के तीसरे चरण में दीपिका कुमारी ने महिलाओं की व्यक्तिगत, टीम और मिक्स डबल्स में गोल्ड मेडल जीते हैं, जिसके बाद उन्हें विश्व रैंकिंग में पहला स्थान मिला है, इससे पहले 2012 में भी वे विश्व रैंकिंग में बादशाहत कर चुकी हैं।

Updated: Jun 28, 2021, 09:19 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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 भारत की स्टार तीरंदाज दीपिका कुमारी ने रविवार को एक के बाद एक तीन गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। उन्होंने पेरिस में चल रहे तीरंदाजी विश्व कप के तीसरे चरण में गोल्ड मेडल जीते हैं। इसी के साथ वे दुनिया की नंबर वन तीरंदाज बन गई हैं। दीपिका कुमारी ने व्यक्तिगत स्पर्धा को 6-0 से जीतकर गोल्ड मेडल जीते और जीत की हैट्रिक की। सोमवार को विश्व तीरंदाजी ने अपनी ताजा रैंकिंग जारी की, जिसमें दीपिका को पहला स्थान मिला है।

यह दूसरा मौका है जब दीपिका कुमारी ने तीरंदाजी में यह उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले वे साल 2012 में भी विश्व रैंकिंग में नंबर वन पर थीं। दीपिका कुमारी रांची की रहने वाली हैं। 27 वर्षीय दीपिका ने पहली बार साल 2012 में नंबर वन रैंक पाई थी। पेरिस में जारी तीरंदाजी के विश्वकप में रविवार को रिकर्व की तीन कॉम्पटीशन्स में उन्होंने महिलाओं की व्यक्तिगत, टीम और मिक्स डबल्स में गोल्ड मेडल जीते हैं।

अपनी इस उपलब्धी पर दीपिका काफी खुश हैं। उनका मानना है कि उन्हें इसी तरह अपना प्रदर्शन जारी रखना होगा। वो इसमें सुधार करना चाहती हैं, वे कहती हैं कि आगामी टूर्नामेंट उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। दीपिका कुमारी ने टोक्योओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया है, ऐसा करने वाली वे भारत की एकमात्र महिला तीरंदाज हैं। वे तीसरी ओलंपिक में शामिल होने वाली हैं। उनकी नजर टोक्यो ओलंपिक में भी गोल्ड पर होगी।

एक के बाद एक जीत की हैट्रिक लगाने वाली दीपिका कुमारी ने सबसे  पहले अंकिता भगत और कोमोलिका बारी के साथ रिकर्व टीम कॉम्पटीशन में मैक्सिको को 5-1 से शिकस्त दी और गोल्ड मेडल जीता। फिर मिक्स डबल्स के फाइनल में दीपिका और उनके पति अतनु दास की पांचवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी ने नीदरलैंड के जेफ वान डेन बर्ग और गैब्रिएला शोलेसर को हराया इस रोचक मुकाबले में पहले दीपिका और उनके पति अतनु 0-2 से पिछड़ गए थे। लेकिन जल्दी ही वापसी करते हुए उन्होंने 5-3 से मैच में फतह हासिल की। वहीं तीसरा गोल्ड उन्होंने महिला व्यक्तिगत रिकर्व स्पर्धा के फाइनल में जीता जिसमें उन्होंने रूस की एलिना ओसिपोवा को 6-0 से हराया और एक दिन में तीन गोल्ड मेडल जीतकर हैट्रिक पूरी की।

13 जून 1994 को रांची के रातू में जन्मी दीपिका एक बेहद साधारण परिवार से हैं। उनके पिता एक आटो चालक हैं, जबकि मां रांची मेडिकल कालेज में नर्स के तौर पर काम करती हैं। दीपिका की मां ने एक बार किसी इंटरव्यू में कहा था कि जब दीपिका छोटी थी तभी से उन्हें निशाना लगाने का शौख था। वे पेड़ पर फलों को तोड़ने के लिए सटीक निशाना लगाती थीं। साल 2005 में दीपिका ने अर्जुन आर्चरी अकादमी ज्वाइन की थी।

तीरंदाजी में उनके प्रोफेशनल करियर की शुरुआत 2006 में हुई। दीपिका ने टाटा तीरंदाजी अकादमी ज्वाइन की और वहां तीरंदाजी के दांव-पेंच सीखे। दीपिका ने पहला गोल्ड मेडल 2006 में मैरीदा मेक्सिको में आयोजित वर्ल्ड चैंपियनशिप में एकल प्रतियोगिता में जीता था। वे ऐसा करने वाली वे दूसरी भारतीय तीरंदाज थीं। दीपिका 2009 में महज 15 साल की उम्र में अमेरिका में हुई 11वीं यूथ आर्चरी चैम्पियनशिप जीत चुकी हैं। 2010 के एशियन गेम्स में उन्होंने ब्रांस मेडल जीता था।

2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स में दीपिका ने महिला एकल और टीम के साथ दो गोल्ड मेडल जीते थे। इस्तांबुल में 2011 में और टोक्यो में 2012 में एकल खेलों में सिल्वर मेडल जीता। कई तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में कई मेडल्स अपने नाम करने वाली अर्जुन अवॉर्डी दीपिका को 2016 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। वर्तमान में दीपिका कुमारी टाटा स्टील कंपनी के खेल विभाग की प्रबंधक हैं, और तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में देश का प्रतिनिधित्व करती हैं। विश्व रैंकिंग में नबंर वन आने पर उन्हें दुनियाभर से बधाइयां मिल रही हैं।