राजस्थान की तीन बहनों ने किया कमाल, अपनी दो बड़ी बहनों के नक्शे कदम पर चलकर एक साथ बनीं RAS अफसर

8वीं पास किसान और निरक्षर मां की बेटियां बनीं राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अफसर, तीन बेटियों ने 2018 की परीक्षा में पाई सफलता, दो बेटियों का पहले ही हो चुका है RAS में चयन, 3 सालियों के साथ जीजा भी इसी परीक्षा में बने हैं अफसर

Updated: Jul 15, 2021, 09:50 AM IST

Photo Courtesy: twitter
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जयपुर। राजस्थान के छोटे से जिले हनुमानगढ़ के किसान परिवार की बेटियों की चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। रावतसर तहसील के गांव भैरूंसरी गांव के किसान की तीन बेटियों ने राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा पास कर ली है। हाल ही में RAS 2018 का रिजल्ट आया है। जिसमें एक ही परिवार की तीन बहनों ने एक साथ RAS एक्जाम पास किया है। वहीं इस किसान के एक दामाद ने भी इसी परीक्षा में सफलता पाई है। इस परिवार की खासियत का किस्सा यहीं खत्म नहीं होता, इस परिवार में अब 6 RAS अफसर हो गए हैं।  

किसान की दो बेटियां पहले से ही राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अफसर बन चुकी हैं। उन्हीं के नक्शे कदम पर चलते हुए अन्य तीन छोटी बहनों ने भी RAS अफसर बनने का ना सिर्फ सपना संजोया बल्की उसे पूरा भी किया।

अंशु सहारण ने 349 रैंक, सुमन ने 915वीं रैंक, सबसे छोटी बेटी रितु सहारण ने RAS 18 की परीक्षा में 945वीं रैंक हासिल की है। OBC गर्ल्स रैंकिंग की बात करें तो अंशू ने 31, रीतू ने 96 और सुमन ने 98वीं रैंक पाई हैं। इन पांचों बहनों की प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा गांव के सरकारी स्कूल हुई है। बाद में उन्होंने शहर के निजी स्कूलों में पढ़ाई की। किसान सहदेव सहारण और लक्ष्मी के यहां बेटे की आस में पांच बेटियां पैदा हुई। कई बार लोग उन्हें बेटियों के नाम पर ताना भी देते थे। इन अफसर बहनों का एक भाई भी है जिसका नाम अभिराज है वह IIT इंजीनियर है और IAS की तैयारी कर रहा है।

अफसर बेटियों के किसान पिता सहदेव सहारण केवल आठवीं पास हैं। वहीं अफसर बेटियों की मां लक्ष्मी कहने को निरक्षर हैं, लेकिन उन्होंने अपनी पांचों बेटियों को सरस्वती की आराधना से कभी नहीं रोका। उन्होंने अभावों में रहकर भी अपनी पांचों बेटियों को पढ़ने दिया। वर्तमान में इनकी दोनों बड़ी बेटियों की पोस्टिंग अच्छी जगह है। बड़ी बेटी रोमा ने साल 2010 में यह परीक्षा पास की थी। वे झुंझुनूं के सूरजगढ़ में BDO हैं। वहीं मंजू 2017 में RAS बनीं, उनकी पोस्टिंग नोहर के सहकारी बैंक में है। इतना ही नहीं सहदेव के बड़े दामाद महेश कुमार ने भी अपनी तीन सालियों की ही तरह RAS 2018 पास की है। इनका गांव भैरूसरी जिला मुख्यालय से 50 किमी की दूरी पर है। यहां के किसान सहदेव सहारण को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। एक साथ तीनों बहनों के प्रशासनिक अफसर बनने से घर परिवार के साथ-साथ गांव में भी खुशी का माहौल है।

 हर माता पिता का सपना होता है कि उनके बच्चे पढ़ लिखकर आगे बढ़ें और समाज में उनका नाम रोशन करें। राजस्थान में बच्चियों को जन्म के साथ ही मार दिए जाने और बाल विवाह की खबरें गाहे बगाहे देखने और सुनने को मिलती रहती हैं। लेकिन राजस्थान के हनुमानगढ़ के इस किसान परिवार की बेटियों की सफलता समाज में बेटियों को अपने सपने पूरा करने का मौका जरूर देगा।