ED के जरिए राज्य सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र कर रही बीजेपी: सीएम भूपेश बघेल

भूपेश बघेल ने कहा कि आप सब जानते हैं कि बीजेपी छत्तीसगढ़ में कितनी कमजोर है, उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि ईडी बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रही है।

Updated: May 08, 2023, 04:37 PM IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहली प्रतिक्रिया सामने आ गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसे सरकार को बदनाम करने का षड्यंत्र बताया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में बीजेपी को फायदा पहुंचाने के लिए ईडी बीजेपी के एजेंट के रूप में काम कर रही है, इससे कांग्रेस पार्टी डरने वाली नहीं और न ही परेशान होने वाली है।

सोमवार को रायपुर हेलीपैड पर मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम बघेल ने कहा कि, 'ईडी के माध्यम से राज्य सरकार को बदनाम करने की साजिश की जा रही है। मैंने पहले भी बताया था। ईडी और आईटी छत्तीसगढ़ में स्थाई रूप से रहेगी। जैसे ही चुनाव होगा ये लोग नए नए षड्यंत्र करेंगे, जहां तक शराब बेचने की बात है तो कॉर्पोरेशन के माध्यम से शराब बिक्री की नीति बीजेपी शासनकाल में बनी। 2017-18 में आबकारी मद से 3900 करोड़ रुपए की प्राप्ति हुई। हमारे शासनकाल में यह बढ़कर 6000 करोड़ रुपए हुआ। ईडी ने जो शराब का राजस्व घटने का आरोप लगाया है वह पूर्णतः मनगढ़ंत है।'

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ईडी के आरोप पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ के राजस्व में डेढ़ गुना वृद्धि हो रही है तो आपका आरोप वैसे ही गलत हो जाता है। भारत सरकार के सीएजी ने भी छत्तीसगढ़ की आबकारी विभाग को क्लीन चिट दी है। इसके आगे सीएम ने कहा कि फरवरी 2020 में आयकर की टीम ने आबकारी विभाग के संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ रेड की थी। उस समय भी आईटी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की थी क्योंकि किसी के यहां कुछ मिला ही नहीं था। फिर मार्च 2023 में ईडी ने छापा मारा उस दौरान भी उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। उन्होंने कोई प्रेस विज्ञप्ति जारी नहीं की।

मुख्यमंत्री ने ईडी पर लोगों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि, 'ईडी के अधिकारी लगातार ऑफिस बुलाकर प्रताणित कर रहे हैं और मारपीट कर रहे हैं। परिवार को परेशान किया जा रहा है। महिलाओं से नियम के विरुद्ध रात में पूछताछ की जा रही है। उन्हें खाना नहीं दे रहे, सोने नहीं दे रहे। इस तरह उनसे जबरदस्ती हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं। जो नोट है वो पहले से टाइप होकर आता है उसपर हस्ताक्षर करने के लिए कहा जाता है। नहीं करोगे तो जेल भेजने की धमकी देते हैं। परिवार को फर्जी केस में फसा देने की धमकी देकर उन्होंने हस्ताक्षर कराए हैं।'