Chhattisgarh: अस्पतालों में इलाज के लिए कोरोना टेस्ट की अनिवार्यता खत्म, मरीजों को मिलेगी राहत

छत्तीसगढ़ के अस्पतालों के ओपीडी में इलाज के लिए अब कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट जरूरी नहीं, लेकिन ऑपरेशन के मामलों में अब भी करानी होगी जाँच

Updated: Jan 23, 2021, 10:36 AM IST

Photo Courtesy: India today
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रायपुर। अगर आप किसी अस्पताल की ओपीडी में अपना इलाज करवाने जा रहे हैं तो अब आपको कोरोना टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं होगी। ओपीडी में आने वाले मरीजों को राहत देते हुए कोरोना टेस्ट की अनिवार्यता खत्म करन का फैसला किया गया है। यह फैसला डॉक्टरों की ओर से लिया गया है।

कोरोना काल में अमूमन हर अस्पताल में आंख, नाक, कान, गला और दांतों का इलाज करवाने के लिए मरीजों को परेशान होना पड़ रहा था। डायरेक्ट संपर्क वाले अंगों के इलाज के लिए अस्पताल और डॉक्टरों की ओर से ही मना कर दिया जा रहा था। क्लीनिक और अस्पतालों की ओपीडी में उन्हें एंट्री नहीं दी जा रही थी। जिससे कोरोना काल में दांत दर्द, मोतियाबिंद जैसी समस्याओं के मरीज बढ़ गए थे। कोरोना टेस्ट कराने के डर से मरीज घरों में ही तकलीफें सहने को मजबूर थे।

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अब ऐसे मरीजों को राहत देते हुए उनके इलाज से पहले कोरोना टेस्ट की नहीं करवाने की छूट दी गई है। आईएमए के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर महेश सिन्हा का कहना है कि रायपुर समेत प्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार कम हो रही है। ऐसे में नॉन कोविड मरीजों को राहत देने के लिए यह कदम उठाया गया है।  जरूरी एहतियात बरतते हुए मरीजों को देखा जा रहा है, ओपीडी के लिए कोरोना रिपोर्ट की अनिवार्यता अब नहीं होगी।

गौरतलब है कि अब प्रदेश में रूटीन सर्जरी शुरू हो गई है, उन मरीजों की प्राथमिकता दी जा रही है जो लंबे वक्त से वेटिंग में हैं। सर्जरी के पहले मरीजों का कोरोना टेस्ट जरूरी है लेकिन ओपीडी के लिए नहीं। कोरोना की वजह से पिछले लंबे वक्त से रूटीन सर्जरी नहीं हो रही थी। केवल आपातकालीन स्थिति में सरकारी और प्राइवेट अस्पताल आपरेशन कर रहे थे। अब मरीजों को थोड़ी राहत मिली है