रायपुर: घर से कोरोना सैंपल कलेक्ट करने के नाम पर फर्जीवाड़ा, बिना जांच किए फर्जी लेटर्स पर लोगों को दी गलत रिपोर्ट, पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

रायपुर पुलिस ने एक फर्जी लैब टैक्नीशियन को गिरफ्तार किया, युवक पर लोगों की फर्जी कोरोना रिपोर्ट देकर पैसे ऐंठने का लगा आरोप, जल्दी रिपोर्ट देने का झांसा देकर मनमर्जी से बताता था पॉजिटिव नेगेटिव रिपोर्ट

Updated: May 02, 2021, 02:07 PM IST

Photo courtesy: Bhaskar
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रायपुर। कोरोना जिसका नाम सुनकर लोगों के पैरों तले जमीन खिसक रही है, उसके नाम पर नित नए फर्जीवाड़े हो रहे हैं। रायपुर में एक फर्जी लैब टेक्नीशियन पर सैकड़ों लोगों की जिंदगियों से खिलवाड़ करने का आरोप लगा है।

 मंदिर हसौद थाना पुलिस ने एक फर्जी लैब टैक्नीशियन को गिरफ्तार किया है। युवक पर आरोप है कि वह लोगों के घर जाकर कोरोना जांच के नाम पर फर्जीवाड़ा करता था। मोटी फीस लेने के बाद उन्हें फर्जी रिपोर्ट देता था। आरोपी का नाम रेशम मंगेश्कर है, वह लोगों को रिम्स अस्पताल के फर्जी लेटर हेड पर अपनी मर्जी से कोरोना की पॉजिटिव और नेगेटिव रिपोर्ट देता था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, पूछताछ की जा जारी है।

दरअसल कुछ समय पहले आरोपी किसी अजय पैथोलॉजी में सैंपल कलेक्शन का काम करता था, लोगों के घरों में जाकर शुगर, थायरॉइड जैसे ब्लड टेस्ट के लिए सैंपल जमा करता था। फिर वह कोरोना सैंपल जमा करने लगा। इस बीच उसने लोगों से जान पहचान बढ़ाकर फर्जीवाड़ा करना शुरू कर दिया। कुछ दिन पहले उसने लैब की जगह लोगों को अपने पर्सनल नंबर पर संपर्क करने का भरोसा दिलाया और कहा कि वह उनकी कोरोना रिपोर्ट्स जल्दी दिलवा देगा। इस दौरान आरोपी मरीजों को पैथोलॉजी की जगह अपना पर्सनल मोबाइल नंबर देकर भरोसे में ले लेता था। आरोपी ऐसे घरों में जाता था जहां कोरोना या फिर उसके सिम्टम वाले लोग रहते थे।

जब लोगों ने उससे कोरोना जांच करवाना शुरु किया, तब उसने RIMS अस्पताल के फर्जी लेटर हेड पर जाली रिपोर्ट बनाने का काम शुरू कर दिया। यह काम वह इतने शातिर तरीके से करता था कि किसी को उस पर शक नहीं होता था। फर्जी लेटर हेड पर मरीज का नाम पता लिखकर कोरोना की रिपोर्ट देता था। आरोपी रेशम ना तो किसी लैब से अधिकृत था और ना ही किसी अस्पताल में सैंपल्स को जांच के लिए ले जाता था।  

कोरोना टेस्ट की RT-PCR रिपोर्ट जल्दी पाने की आस में लोग उसकी चिकनी चुपड़ी बातों में आ गए। लोगों से एक्स्ट्रा पैसे ऐंठेकर वह फर्जी कोरोना रिपोर्ट बांटता था। आरोपी ने शातिराना तरीके से RIMS अस्पताल के पुराने लेटर हेड का उपयोग किया और बिना किसी सैंपल के टेस्ट के ही लोगों को अपनी मर्जी से ही निगेटिव-पॉजिटिव लिखकर रिपोर्ट देना शुरू कर दिया। और तो औऱ पैसों के पीछे पागल आरोपी ने 24 घंटे में सुपर फास्ट तरीके के फर्जी रिपोर्ट्स लोगों को दी।

आरोपी पर एक शख्स को शक हुआ तब उसने रिपोर्ट के बारे में रायपुर के RIMS अस्पताल से संपर्क किया। मरीज को पात चला कि रेशम नाम का कोई व्यक्ति रिम्स अस्पताल में काम नहीं करता है, जिसके बाद पुलिस ने आऱोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी से पूछताछ जारी है, पुलिस पता लगाने में जुटी है कि आरोपी ने कितने लोगों को फर्जी रिपोर्ट देकर ठगा है।