संसद में वित्तमंत्री ने पेश किया आर्थिक सर्वेक्षण, GDP ग्रोथ 6.3 से 6.8 प्रतिशत तक रहने का अनुमान
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-2025 में रिटेल महंगाई 5.4% थी जो अप्रैल-दिसंबर 2024 में 4.9% हो गई।

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया। इसके अनुसार वित्त वर्ष 2025-26 यानी, 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2026 में GDP ग्रोथ 6.3 फीसदी से 6.8 फीसदी के बीच रहने का अनुमान है। वहीं GST वसूली में 11 फीसदी की वृद्धि का अनुमान है, जो 10.62 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है।
इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-2025 में रिटेल महंगाई 5.4% थी जो अप्रैल-दिसंबर 2024 में 4.9% हो गई। इसमें कहा गया है कि खराब मौसम, कम उपज के चलते सप्लाई चेन में बाधा आने से खाने-पीने की महंगाई बढ़ी है। साथ ही वित्त वर्ष 2025-2026 की पहली छमाही में अच्छे रबी उत्पादन से खाने-पीने की चीजों की कीमतें नियंत्रण में रह सकती हैं। वित्त वर्ष 2024-2025 की चौथी तिमाही में महंगाई में कमी की उम्मीद है।
यह भी पढे़ं: सरकार 3 गुना तेज गति से काम कर रही है, 3 करोड़ घर का लक्ष्य जल्द पूरा होगा, संसद के जॉइंट सेशन में बोलीं राष्ट्रपति
बता दें कि इकोनॉमिक सर्वे बजट से एक दिन पहले पेश किया जाता है। इसमें सरकार इस वित्त वर्ष यानी 2024-25 में देश की GDP का अनुमान और महंगाई समेत कई जानकारियां होती है। इससे पता चलता है कि हमारे देश की अर्थव्यवस्था की हालत कैसी है। इकोनॉमिक सर्वे एक तरह से हमारी अर्थव्यवस्था के लिए डायरेक्शन की तरह काम करता है, क्योंकि इसी से पता चलता है कि हमारी अर्थव्यवस्था कैसी चल रही है और इसमें सुधार के लिए हमें क्या करने की जरूरत है।
भारत का पहला इकोनॉमिक सर्वे 1950-51 में केंद्रीय बजट के एक भाग के रूप में पेश किया गया था। हालांकि, 1964 के बाद से, सर्वे को केंद्रीय बजट से अलग कर दिया गया। तब से, बजट पेश करने से ठीक एक दिन पहले इकोनॉमिक सर्वे जारी किया जाता है।