India GDP: 40 साल की सबसे बड़ी गिरावट, 24 फीसदी गिरी जीडीपी

- 23.9 percent in Q1 Data: सबसे बुरे दौर में अर्थव्यवस्था, रिकॉर्ड 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट। विनिर्माण, व्यापार, ट्रांसपोर्ट, पर्यटन जैसे क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद

Updated: Sep 01, 2020, 10:34 AM IST

नई दिल्ली। देश की अर्थव्यस्था के लिए आज का दिन काला सोमवार के रूप में याद रखा जाएगा। शेयर बाज़ार में भारी गिरावट के बीच सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों से पता चला कि देश की जीडीपी 40 सालों के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। चालू वित्त वर्ष यानी 2020-2021 की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में 23.9 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 5 प्रतिशत की दर से बढ़ रही थी। विशेषज्ञ कोरोना वायरस लॉकडाउन प्रतिबंधों को जीडीपी वृद्धि दर में इस भारी गिरावट का मुख्य कारण मान रहे हैं। 

जीडीपी के ये आंकड़े अप्रैल, मई और जून महीने के हैं। इन तीनों महीनों के दौरान देशभर में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने कड़ा लॉकडाउन लागू  था और आर्थिक गतिविधियां बिल्कुल ठप थीं। हालांकि, जी़डीपी वृद्धि दर में गिरावट लॉकडाउन के पहले से ही हो रही थी। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 3.1 प्रतिशत की दर से ही बढ़ी थी। 

सरकार ने आज ही आठ बुनियादी उद्योंगों के जुलाई महीने के आंकड़े भी जारी किए हैं। जुलाई महीने में इन बुनियादी उद्योगों के उत्पादन में लगभग 10 फीसदी की कमी आई है। 

विनिर्माण, व्यापार, पर्यटन, ट्रांसपोर्ट जैसे सेक्टरों को भारी नुकसान हुआ है। ये सेक्टर देश की जीडीपी में लगभग 45 प्रतिशत का योगदान देते हैं। विशेषज्ञ बताते हैं कि ये सेक्टर अभी भी पूरी तरह से उबर नहीं पाए हैं। 

जीडीपी में आई यह भारी गिरावट स्तब्ध करने वाली है। आंकड़े आने से पहले लगभग सभी अर्थशास्त्रियों और संस्थाओं ने जीडीपी में गिरावट का अनुमान लगाया था, लेकिन इतनी भारी गिरावट का नहीं। बताया जा रहा है कि पहली तिमाही के इतने खराब प्रदर्शन के बाद चालू वित्त वर्ष की कुल आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान और कम किया जा सकता है। 

अब यह देखना होगा कि इन आंकड़ों के बाद क्या सरकार आधिकारिक तौर पर भारतीय अर्थव्यवस्था के मंदी में जाने की घोषणा करेगी। हाल ही में यूनाइटेड किंगडम में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर में 20 प्रतिशत की गिरावट के बाद वहां की सरकार ने आधिकारिक तौर पर अर्थव्यवस्था के मंदी में चले जाने की घोषणा की थी।