IMF ने फिर से घटाया भारत का GDP ग्रोथ अनुमान, आर्थिक मोर्चे पर स्थिति गंभीर

आईएमएफ ने इस वर्ष के लिए भारत की आर्थिक विकास दर 7.4 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है, आईएमएफ का कहना है कि वैश्विक कारणों के असर और सख्त मॉनिटरी पॉलिसी के कारण भारत की आर्थिक विकास दर कम रह सकती है।

Updated: Oct 11, 2022, 06:32 PM IST

नई दिल्ली। देश में लगातार बढ़ती महंगाई ने एक तरफ गरीब और मध्यम वर्ग को बुरी तरह से प्रभावित किया है, वहीं आर्थिक मोर्चे पर भी बुरी खबर आ रही है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत के आर्थिक विकास दर के अनुमान में एक बार फिर से कटौती की है। आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 60 बेसिस प्वाइंट की कटौती की है। 

अंतरराष्ट्रीय संस्था ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए इसे 7.4 फीसदी से घटाकर 6.8 फीसदी कर दिया है। जुलाई में आईएमएफ ने भारत के विकास दर को 8.2 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी कर दिया गया था। इस तरह आईएमएफ ने इसमें 0.8 फीसदी की कटौती की थी। तब आईएमएफ ने इसमें 0.8 फीसदी यानी 80 बेसिस प्वाइंट की कटौती की थी।

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आईएमएफ का कहना है कि वैश्विक कारणों के असर और सख्त मॉनिटरी पॉलिसी के कारण भारत की आर्थिक विकास दर कम रह सकती है। IMF की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक भारत के साथ-साथ विश्व की तीन बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका, चीन और यूरो एरिया के लिए स्थिति गंभीर है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए महंगाई को सबसे बड़ी चुनौती बताया है। IMF ने साल 2023 में महंगाई को एक बड़ी चुनौती माना है।

बता दें कि आईएमएफ से पहले फिच रेटिंग्स ने हाल ही में चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक विकास के पूर्वानुमान को 7.8 प्रतिशत के पिछले अनुमान से घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया था। फिच ने कहा कि जून में लगाए गए 7.8 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान की तुलना में अब उसे 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था के सात प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। संस्था ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भी विकास दर 7.4 प्रतिशत के पहले के अनुमान के मुकाबले अब 6.7 प्रतिशत तक रह जाने की संभावना है।