BJP सांसद कंगना रनौत की बढ़ी मुश्किलें, असली आजादी 2014 में मिली वाले बयान पर कोर्ट ने भेजा नोटिस

एक्ट्रेस और सांसद कंगना रनौत ने कहा था कि 1947 में तो भीख मिली थी, असली आजादी 2014 में मिली, इस बयान पर अब जबलपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने नोटिश भेजकर जवाब तलब किया है।

Updated: Oct 07, 2024, 07:25 PM IST

जबलपुर। बीजेपी की बड़बोली सांसद कंगना रनौत की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। जबलपुर की जिला अदालत ने कंगना रनौत के आजादी वाले बयान पर नोटिस भेजा है। अब अपने विवादास्पद बयान पर उनको अदालत में अपनी सफाई देनी होगी।

 दरअसल, कंगना रनौत ने साल 2021 में कहा था कि 1947 में भारत को मिली आजादी, आजादी नहीं भीख थी। असली आजादी तो 2014 में मिली है। कंगना के बयान पर पूरे देश में हंगामा खड़ा हो गया था। समाज के अलग-अलग वर्गों से कंगना के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया सामने आई थी। लोगों के कंगना से पद्मश्री पुरस्कार वापस लेने तक की मांग की थी।

इसके खिलाफ जबलपुर डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अधिवकता अमित साहू ने कम्प्लेंट फाइल की थी। उन्होंने कोर्ट को बताया कि एक सेलिब्रेटी होने के बाद भी कंगना का यह बयान शर्मशार करने वाला है। सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी विश्वेश्वरी मिश्रा की कोर्ट ने मामले की सुनवाई की। अगली सुनवाई 5 नवंबर 2024 को होगी।

कंगना के इस बयान के विरुद्ध परिवाद दायर करने वाले शिकायतकर्ता अधिवक्ता अमित साहू का कहना है कि देश की आजादी पर दिए गए कंगना रनौत के बयान से न केवल स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अपमान हुआ है बल्कि हर भारतीय को ठेस भी पहुंची है। शिकायतकर्ता का कहना है कि कंगना का बयान देश के स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने वाले अमर सेनानियों का अपमान है। 1947 में देश को आजादी लंबे संघर्ष और बलिदान के बाद मिली थी।