नरेंद्र मोदी वसूली केंद्र कर दिया जाए पेट्रोल पंप का नाम, बढ़ती कीमतों पर कांग्रेस का तंज़
बीजेपी नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी पेट्रोल-डीज़ल के ऊंचे दामों को जनता का शोषण बता चुके हैं

नई दिल्ली। देशभर में पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों ने मंदी के दौर में आम लोगों पर महंगाई का बोझ और बढ़ा दिया है। कांग्रेस पार्टी के एक युवा नेता ने इस मसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा हमला किया है। कांग्रेस के युवा नेता श्रीवत्स ने महंगाई पर निशाना साधते हुए कहा है कि पेट्रोल पंप्स का नाम बदलकर नरेंद्र मोदी वसूली केंद्र कर देना चाहिए। कांग्रेस के युवा नेता की ट्विटर पर की गई यह टिप्पणी सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हो रही है। इससे पहले खुद बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी भी पेट्रोल-डीज़ल के आसमान छूते दामों की कड़ी आलोचना करते रहे हैं।
कांग्रेस के युवा नेता श्रीवत्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर लिखा है, “पेट्रोल दर: ₹ 90। वास्तविक लागत: ₹ 30। मोदी टैक्स: 60। सभी पेट्रोल पम्प के नाम बदल कर नरेंद्र मोदी वसूली केंद्र कर देना चाहिए।” गौरतलब है कि कोरोना महामारी और महामंदी के दौर में पेट्रोल-डीजल के ऊंचे दाम आम आदमी की जेब पर बेहद बुरा असर डाल रहे हैं। पिछले दो सालों में यह पहली बार है जब पेट्रोल के दाम इतने महंगे हुए हैं।
Petrol Rate : 90
— Srivatsa (@srivatsayb) December 9, 2020
Real Cost : 30
Modi Tax : 60
All Petrol Bunks should be renamed as 'Narendra Modi Vasooli Kendra' pic.twitter.com/l38jpsucwx
ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर दो दिन पहले खुद बीजेपी नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी कह चुके हैं कि 'पेट्रोल की कीमत 90 रुपये तक पहुंचना आश्चर्यजनक शोषण है, ऐसा होना नहीं चाहिए, ये सीधे-सीधे जनता के साथ मजाक है। रिफाइनरी से बाहर आते समय पेट्रोल की लागत 30 रुपये प्रति लीटर से ज़्यादा नहीं होती, बाकी 60 रुपये का बोझ टैक्स और पेट्रोल पंप कमीशन के रूप में जोड़ा जाता है। मेरा मानना है कि पेट्रोल का दाम 40 रुपये से ज़्यादा नहीं होना चाहिए। 90 रुपये तक पहुंचना तो काफी हैरतअंगेज है।'
Petrol price at Rs. 90 per litre is a monumental exploitation by GoI of the people of India. The price ex-refinery of petrol is Rs. 30/litre. All kinds of taxes and Petrol pump commission add up the remainder Rs.60. In my view petrol must sell at max. Rs. 40 per litre.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) December 7, 2020
बता दें कि पेट्रोल-डीजल के दाम मंगलवार से पहले 6 दिन तक लगातार बढ़ते रहे। 20 नवंबर से अबतक तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के दाम 17 बार बढ़ाए हैं। मंगलवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल का भाव 83.71 रुपये और मुंबई में 90.34 रुपये था। कोलकाता में पेट्रोल का रेट 85.19 रुपये और चेन्नई में 86.51 रुपये प्रति लीटर था। मुंबई में डीजल 80.51 रुपये प्रति लीटर था। मुंबई में ईंधन की कीमतें सभी महानगरीय शहरों में सबसे अधिक हैं।
आमतौर पर आर्थिक मंदी के दौर में मांग में कमी आने की वजह से कीमतों में भी गिरावट देखने को मिलती है। लेकिन भारत में अभी एक अजीब सी हालत है, जब विकास दर में भयानक गिरावट के बावजूद कीमतें बेहद ऊंचे स्तरों पर हैं। आर्थिक शब्दावली में इस स्थिति को स्टैगफ्लेशन (Stagflation) कहते हैं, जिसमें एक तरफ आर्थिक विकास दर, रोज़गार और मांग में गिरावट देखने को मिलती है, लेकिन कीमतें आसमान छूती हैं। यह हालत आम लोगों के लिए बेहद तकलीफदेह होती है। यह स्थिति अर्थव्यवस्था में संरचनात्मक असंतुलन और उसके प्रबंधन में गड़बड़ी की तरफ इशारा करती है।