Share Market Crashed : शेयर बाज़ार गिरा धड़ाम, निवेशकों को 4 लाख करोड़ का नुकसान

बीएसई सेंसेक्स 812 अंक लुढ़ककर 38,034 पर बंद, निफ्टी भी 254 अंक गिरा

Updated: Sep 22, 2020, 12:27 AM IST

Photo Courtesy: Financial Express
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शेयर बाजार में आज कारोबार के आखिरी घंटे में भारी गिरावट देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेसेंक्स करीब 812 अंकों की गिरावट के साथ 38,034 पर बंद हुआ। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का सूचकांक निफ्टी भी 254 अंक यानी करीब 2.5 फीसदी लुढ़ककर 11,250 पर बंद हुआ। ये गिरावट कितनी बड़ी थी, इसका अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि एक ही दिन में निवेशकों की 4 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम स्वाहा हो गई। ऐसे में यह सवाल हर निवेशक के मन में घूम रहा होगा कि आखिर बाजार में इस भारी गिरावट की वजह क्या है? आइए जानते हैं इस गिरावट के 5 अहम कारण :

  1. बैंकों के शेयरों में भारी गिरावट : बैंकों के शेयरों में भारी गिरावट भी आज शेयर बाजार के लुढ़कने की बड़ी वजह रही। दरअसल, हाल ही में ऐसी खबरें लीक हुई हैं कि अमेरिकी अधिकारियों के पास शिकायत की गई है कि कई भारतीय बैंकों पर मनी लॉन्डरिंग और दूसरे आपराधिक लेन-देन में शामिल होने का शक है। आशंका जाहिर की जा रही है कि इस बारे में अमेरिकी ट्रेजरी डिपार्टमेंट के फाइनेंशियल क्राइम एनफोर्समेंट नेटवर्क (FinCEN) के पास कई शिकायतें मौजूद हैं। इन खबरों का असर शेयर बाजार में भारतीय बैंकों के प्रदर्शन पर भी पड़ा है। 
  2. मुनाफा वसूली : मार्च के निचले स्तर के मुकाबले बाज़ार करीब 50 फीसदी की तेज़ी दर्ज कर चुका है। ऐसे में मुनाफा वसूली के चलते कुछ करेक्शन आना स्वाभाविक है। मिड-कैप और स्माल-कैप शेयरों के मामले में तो ऐसा होना और भी वाजिब था।    इन सेगमेंट के शेयरों में बड़े पैमाने पर मुनाफा वसूली ने कुछ हद तक लार्ज कैप पर भी दबाव बना दिया।
  3. फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स की एक्सपायरी : कारोबारियों ने  F&O यानी फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स की एक्सपायरी के करीब आने की वजह से बड़े पैमाने पर मुनाफा वसूली भी की है। शेयर बाजार में गिरावट की एक वजह यह भी है। जानकारों का मानना है कि 24 तारीख को सितंबर सिरीज़ खत्म होने तक बाज़ार में अस्थिरता बनी रहेगी, क्योंकि ट्रेडर अपनी पोजिशन्स को रोल ओवर या स्क्वॉयर ऑफ करेंगे।
  4. दुनिया के बाजारों की हालत : यूरोप में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में एक बार फिर से तेजी देखने को मिल रही है। जिससे दुनिया भर में आर्थिक मंदी के और गहराने की आशंका बढ़ती जा रही है। अमेरिका में एक नए फिस्कल स्टिमुलस पैकेज की उम्मीद भी कमज़ोर पड़ी है। इन दोनों ही कारणों का असर बाजार के सेंटिमेंट पर पड़ रहा है। ज़ाहिर है भारत की पहले से रसासल में जा चुकी अर्थव्यवस्था के बीच ये खबरें और परेशान करने वाली हैं। इसी निगेटिव सेंटिमेंट का असर आज भारत के बाज़ारों पर देखने को मिला है।
  5. भारत में कोरोना के बढ़ते मामले : भारत में कोरोना के मामले लगातार तेज़ी से बढ़ रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमण की कुल संख्या 55 लाख के करीब पहुंच रही है। पिछले 24 घंटे में 86 हज़ार से ज्यादा नए संक्रमण हो चुके हैं, जबकि 1100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में अमेरिका के बाद भारत दूसरे नंबर पर है। महामारी के बेकाबू होने के आंकड़े आर्थिक मंदी से जुड़ी चिंताओं को और बढ़ा रहे हैं।