महंगे दाम पर खाद बेचने वाली ई कॉमर्स कंपनियों को केंद्र सरकार ने जारी की चेतावनी

अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियां देश में कर रही खाद की खुलेआम कालाबाजारी, नेशनल लाइसेंस के बिना 27 गुना तक महंगी खाद बेच रही थी अमेजन, हम समवेत ने उठाया था मामला

Updated: Oct 02, 2021, 03:54 PM IST

नई दिल्ली। ईकॉमर्स कंपनियों द्वारा महंगे दाम पर खाद बेचने का मामला तूल पकड़ने के बाद केंद्र सरकार ने यू टर्न ले लिया है। केंद्र सरकार ने अब खुद अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों को चेतावनी जारी की है। केंद्रीय उर्वरक विभाग ने ऑल इंडिया एग्रो इनपुट डीलर एसोसिएशन की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए 36 घंटे के भीतर सभी उत्पादों को हटाने के लिए कहा है।

जानकारी के मुताबिक केंद्रीय उर्वरक विभाग ने ई कॉमर्स साइट्स को नोटिस जारी कर कहा है कि उर्वरक आवश्यक वस्तु अधिनियम- 1956 के अंतर्गत आते हैं और उनकी कीमत, गुणवत्ता, उपलब्धता उर्वरक (नियंत्रण) आदेश-1985 और उर्वरक (आंदोलन नियंत्रण) आदेश 1973 के प्रावधानों के अनुसार नियंत्रित की जाती है। उर्वरक की कीमतों को कम रखने के लिए सब्सिडी भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इसलिए इसे अधिसूचित आकार के बैग में निश्चित मूल्य पर बेचना पड़ता है। इसी तरह, डीएपी, एमओपी और एनपीके जैसे पीएंडके उर्वरकों को पोषक तत्व आधारित सब्सिडी योजना के तहत सब्सिडी दी जाती है।'

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विभाग ने आगे कहा कि ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर असामान्य रूप से उच्च कीमतों पर और बिना किसी कानूनी अधिकार के इसे बेचे जाने की शिकायत मिल रही है, जो कि उर्वरक कानून के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन है। यह उर्वरक (नियंत्रण) आदेश- 1985 के प्रावधानों का उल्लंघन तो है ही, साथ ही उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियम, 2020 के तहत वस्तुओं की आवश्यक प्रकृति के लिए ई-कॉमर्स इकाई द्वारा अनुचित व्यवहार और कीमतों में हेरफेर को अपनाना प्रतिबंधित है।  अतः सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशा-निर्देश) नियम, 2011 के नियम 3(2) के अनुसार आपको उर्वरक विक्रेताओं को 36 घंटे के भीतर हटाने के लिए कहा जाता है।'

उर्वरक विभाग ने ई कॉमर्स साइट्स से पिछले 90 दिनों का रिकॉर्ड मांगते हुए कहा है कि ऊपर लिखे निर्देशों का पालन करने में विफल पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई किया जाएगा। बता दें कि हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अमेजन के किसान स्टोर को लॉन्च किया था। हम समवेत ने जब अमेजन की वेबसाइट पर इस स्टोर की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। 

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अमेजन ने अपने किसान स्टोर पर 46 फीसदी नाइट्रोजन वाली नीम कोटेड यूरिया खाद की कीमत 199 रुपए प्रति किलो रखा था। इसपर 20 फीसदी छूट की बात कही गई है, यानी छूट के साथ किसानों को 159.2 रुपए प्रति किलो खाद मिलेगी। जबकि खाद का देशभर में सरकारी रेट प्रति बोरी 266.5 रुपए ही है। यानी सरकार ने यूरिया की कीमत 5.92 रुपए प्रति किलो तय की है। सरकारी नियम के मुताबिक कोई भी खाद विक्रेता यदि किसानों से इससे ज्यादा रकम वसूलते पाया जाता है तो उसे कालाबाजारी के आरोप में जेल भेजने का प्रावधान है।

यानी ई-कॉमर्स कंपनी सरकार द्वारा तय किए गए रेट से करीब 27 गुना ज्यादा दाम पर देश में यूरिया न सिर्फ बेच रही है, बल्कि कृषि क्षेत्र से सर्वोच्च पद पर बैठे नरेंद्र सिंह तोमर उसे प्रोमोट भी किया। उल्लेखनीय है कि सरकार तकरीबन 700 रुपए प्रति बोरी सब्सिडी देती है। सब्सिडी को हटा भी दिया जाए तो प्रति किलो खाद का दाम 21.48 रुपए ही पड़ता है। यानी बगैर सब्सिडी के भी देखा जाए तो अमेजन कंपनी साढ़े सात गुना महंगी खाद बेच रही है।

एग्रो इनपुट डीलर एसोसिएशन के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय कुमार रघुवंशी ने केंद्र के इस फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने कहा है कि कल तक यदि ई कॉमर्स कंपनियां कृषि संबंधी प्रोडक्ट्स वापस नहीं लेगी तो हम आगे की योजना बनाएंगे। रघुवंशी ने हैरानी जताते हुए कहा कि डीलर यदि 266 के जगह 270 रुपए लेते हैं तो एफआइआर हो जाती है, लेकिन बहुराष्ट्रीय कंपनियों को 27 से 30 गुना तक महंगी खाद बेचने की न सिर्फ छूट है, बल्कि खुद कृषि मंत्री उसे बढ़ावा देते हैं।