दो रुपए किलो आलू बेचने को मजबूर किसान, कृषि मंत्री बोले- बेच क्यों रहे हो, चिप्स की फैक्ट्री खोल दो

मध्य प्रदेश में आलू किसानों का बुरा हाल, दो रुपए बिक रहे हैं आलू, कोल्ड स्टोरेज में रखने का किराया भी नहीं निकल रहा, कृषि मंत्री का अजीबोगरीब सुझाव

Updated: Sep 30, 2021, 05:45 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में आलू किसानों का बुरा हाल है। यहां आलू किसानों को लागत तो दूर कोल्ड स्टोरेज का किराया तक नहीं निकल पा रहा है। स्थिति ये है कि किसान आलू को कोल्ड स्टोरेज से निकालकर फेंकने पर मजबूर हैं। हैरानी की बात ये है कि आलू किसानों की बदहाली को लेकर पूछने पर कृषि मंत्री ने कहा है कि वे आलू बेचने क्यों जा रहे हैं, खुद चिप्स की फैक्ट्री लगा लें।

दरअसल, मध्य प्रदेश में आलू की बंपर फसल हुई है। लॉकडाउन के दौरान किसानों ने खूब उत्साह से आलू उगाया। हालांकि, किसान इस बात से अनभिज्ञ थे कि वे 2 रुपए किलो आलू बेचने को मजबूर हो जाएंगे। मौजूदा स्थिति ये है कि किसानों को आलू उगाने की लागत तो दूर कोल्ड स्टोरेज का किराया तक नहीं निकल रहा है। 

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शाजापुर के किसान दिलीप पाटीदार कहते हैं कि इस बार लागत भी ज्यादा लगी। पाटीदार के मुताबिक एक बीघे में बीज पर ही 25 हजार रुपए खर्च हुए। उन्होंने बताया कि उपज के बाद खेत में उन्हें 8 रुपए का भाव मिल रहा था, लेकिन उन्होंने कोल्ड स्टोरेज में जमा कर दिया, ताकि अच्छा भाव मिलने पर बेच सकें। अब हाल ये है कि स्टोरेज वाले आलू ले जाने को बोल रहे हैं। मंडी में प्रति किलो ढाई-तीन रुपए ही मिल रहे हैं। पाटीदार कहते हैं कि पहले लागत नहीं मिली तो आलू कोल्ड स्टोरेज में रख दिया, अब तो स्टोरेज का खर्चा तक नहीं मिल रहा है।

आलू किसानों के खस्ताहाल को लेकर जब एक पत्रकार ने मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल से सवाल किया तो उन्होंने चौंकाने वाली प्रतिक्रिया दी है। कमल पटेल ने कहा है कि किसान आलू बेचने क्यों जा रहे हैं, वे खुद चिप्स की फैक्ट्री क्यों नहीं खोल देते। उन्होंने यह भी कहा कि फैक्ट्री खोलने का अनुदान सरकार देगी। कृषि मंत्री की यह प्रतिक्रिया किसानों की बदहाल स्थिति पर हास्य के सामान है। किसान पूछ रहे हैं कि जो सरकार लागत मूल्य नहीं दे पा रही है, वो फैक्ट्री खोलने के पैसे कहाँ से देगी। 

मामले पर मध्य प्रदेश कांग्रेस के विधायक जयवर्धन सिंह ने पूछा है कि पहले सरकार ये बताए कि पिछले 16 वर्षों में उन्होंने कितने आलू किसानों को उद्योग लगाने के लिए जमीन, कर्ज़ और सब्सिडी दी है। सिंह ने कहा है कि, 'पीएम मोदी और बीजेपी की नजर में इस देश में मात्र दो किसान है, नया कृषि क़ानून भी उन्हीं के लिए लाया गया है। हम दो और हमारे दो।'