PM नरेंद्र मोदी की फसल बीमा से बाहर होगा MP

अब मध्यप्रदेश सरकार खुद की बनाएगी फसल बीमा कंपनी। चार साल पहले मुख्यमंत्री के गृह जिले सीहोर से शुरू हुई थी योजना

Publish: Jun 01, 2020, 06:57 AM IST

सीहोर में  प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना  की शुरुआत
सीहोर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत

जिस प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को मध्यप्रदेश के सीहोर में जोरशोर से लांच किया गया था उससे मध्‍यप्रदेश की भाजपा सरकार का मोहभंग हो गया है। शिवराज सरकार अब खुद की फसल बीमा कंपनी बनाने की तैयारी में है। सरकार ने फैसला लिया है कि अब प्रदेश के किसानों को सरकारी फसल बीमा कंपनी के जरिए बीमा का लाभ दिया जाएगा। बताया जा रहा है कि नई फसल बीमा कंपनी का ड्राफ्ट लगभग तैयार हो गया है जिसे लेकर मुख्यमंत्री जल्द ही एक अहम बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में बीमा कंपनी के ड्राफ्ट पर आखिरी मुहर लगेगी जिसके बाद किसानों के फसल की बीमा इसी कंपनी के जरिए कराया जाएगा।

मध्‍य प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने दावा किया है कि इस कंपनी के अस्तित्व में आने के बाद बीमा कंपनियों के मुनाफ़ेखोरी पर अंकुश लगाया जा सकेगा जिससे प्रदेश के लाखों किसान लाभान्वित होंगे। गौरतलब है कि इसके पहले किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत मुआवजा दिया जाता था जिसमें केंद्र द्वारा निजी बीमा कंपनियों को बीमा की राशि आवंटित की जाती थी। ऐसे में प्राकृतिक आपदा या अन्य वजहों से फसल की पैदावार कम होने या न होने की स्थिति में इन कंपनियों द्वारा ही किसानों को मुआवजा दिया जाता था। न्यूज़ 18 की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर साल जिस अनुपात में प्रीमियम जमा कराया जाता है उसके मुकाबले फसल बीमा की राशि मुआवजे के तौर पर नहीं बांटी जाती है। ऐसे में प्रीमियम का लाभ किसानों को न मिलकर बीमा कंपनियों को होता था। जिसे रोकने के लिए सरकार नई स्कीम लाने की तैयारी कर रही है।

रिपोर्ट के मुताबिक साल 2016-17 में 74 लाख किसानों ने फसल बीमा करवाया था जिसके एवज में 3804 करोड़ का प्रीमियम जमा हुआ लेकिन क्लेम का दावा 2039 करोड़ रुपए ही थे। वहीं साल 2018-19 में प्रदेश के 73 लाख से ज्यादा किसानों ने बीमा कवर दिए, जिसके एवज में 5588 करोड़ के प्रीमियम हुए लेकिन क्लेम का दावा सिर्फ 812 करोड़ रुपए ही थे। ऐसे में सरकार और किसानों को नुकसान उठाना पड़ा है परंतु बीमा कंपनियों की मुनाफ़ेखोरी बढ़ती रही है।

मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि हमें इसके लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से बाहर आना होगा और नई बीमा योजना बनाना होगा जिसका नाम संभवतः मुख्यमंत्री फसल बीमा योजना रखा जाएगा। उन्होंने दावा किया कि इससे सरकार सीधे तौर पर आपदा पीड़ित किसानों तक पहुंच उन्हें लाभान्वित करेगी और निजी बीमा कंपनियों के मुनाफ़ेखोरी बंद होगी।