भोपाल में गेहूं उपार्जन की बढ़ाई गई तारीख

उपार्जन की अंतिम तारीख 31 मई थी। किसानों की परेशानी पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार से सभी उपार्जन केन्द्रों पर तारीखों को बढ़ाने की मांग की।

Publish: Jun 01, 2020, 08:01 AM IST

Photo courtesy : samtasandesh
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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में खरीदी केंद्रों पर गेहूं उपार्जन की तारीख बढ़ा दी गई है। राजधानी के 51 खरीदी केंद्रों पर अब गेहूं का उपार्जन 5 जून तक किया जा सकेगा। ज्ञात हो कि इस वर्ष प्रदेश भर में गेहूं की रिकॉर्ड उपज हुई है। ऐसे में खरीदी केन्द्रों पर गेहूं के उपार्जन में काफी समय लग रहा है। इसके मद्देनजर खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण ने ज़िला कलेक्टर के आग्रह पर अब गेहूं की खरीदी के लिए समय सीमा पांच दिन और बढ़ा दी है। पहले प्रदेश में गेहूं की खरीदी की अंतिम तारीख 31 मई थी जिसे भोपाल ज़िले में बढ़ा कर अब 5 जून कर दिया गया है।

खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण, मध्य प्रदेश ने कलेक्टर को पत्र लिख कर गेहूं की खरीदी की तारीख बढ़ाने के साथ साथ कुछ शर्तों को भी ध्यान में रखने और लागू करने के निर्देश जारी किए हैं। ज़िले के कलेक्टर तरुण पिथोड़े को ई- उपार्जन पोर्टल से पंजीकृत किसानों से ही गेहूं खरीदे जाने का निर्देश दिया गया है। साथ ही उपार्जित स्कंध की एफक्यू गुणवत्ता को भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। और इसके साथ ही उपार्जन केंद्रों में नोडल अधिकारी की नियुक्ति के साथ साथ उसकी निगरानी में ही गेहूं के उपार्जन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कहा गया है।

कमलनाथ ने राज्य में तारीख बढ़ाने की अपील की

गौरतलब है कि प्रदेश में इस बार गेहूं का रिकॉर्ड उपार्जन किया गया है। ऐसे में किसानों की अधिक संख्या होने के कारण गेहूं का उपार्जन समय पर नहीं हो पा रहा है। राज्य सरकार ने  उपार्जन की अंतिम तारीख 31 मई ही तय की थी। इसी के मद्देनजर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार से सभी उपार्जन केन्द्रों पर तारीखों को बढ़ाने की मांग की है।

कमलनाथ ने कहा कि - आज भी बड़ी संख्या में किसान उपार्जन केंद्रो के बाहर भीषण गर्मी में भूखे प्यासे लंबी- लंबी लाइनें लगाकर अपनी उपज बेचने के लिये खड़े हुए है। कई गेहूँ ख़रीदी केंद्रो पर बारदान की कमी , तुलाई व्यवस्था नहीं होने से ख़रीदी प्रभावित हुई है, किसान परेशान हुए हैं।इसे देखते हुए गेहूँ ख़रीदी की तारीख़ को सभी केंद्रो पर आगे बढ़ाया जावे और इन उपार्जन केंद्रो पर रखे गेहूँ का शीघ्र परिवहन कर भंडारण करवाया जावे क्योंकि भविष्य में बारिश की संभावना से खुले में रखा गेहूँ ख़राब होने की आशंका है।