समाज में हिंसा और नफरत की जगह नहीं होनी चाहिए, इससे देश नष्ट हो जाएगा, लोकसभा में बोले राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि हम बेरोजगारी की समस्या को सुलझा नहीं पाए हैं, ना तो UPA सरकार बेरोजगारी को लेकर युवाओं को कोई मार्ग दिखा पाई और ना ही मौजूदा सरकार कुछ कर पाई। मेरी इस बात से प्रधानमंत्री भी सहमत होंगे।

Updated: Feb 03, 2025, 04:08 PM IST

नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा लिया। राहुल गांधी ने कहा कि हम बेरोजगारी की समस्या को सुलझा नहीं पाए हैं, ना तो UPA सरकार बेरोजगारी को लेकर युवाओं को कोई मार्ग दिखा पाई और ना ही मौजूदा सरकार कुछ कर पाई। मेरी इस बात से प्रधानमंत्री भी सहमत होंगे।

राहुल गांधी ने कहा, 'मैंने राष्ट्रपति का भाषण सुना। वह पिछले कई सालों से यही बातें दोहरा रही हैं। हमने ये किया, हमने ये किया हमने वो किया। राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान जो कुछ भी कहा जा रहा था, उस पर ध्यान बनाए रखने के लिए मुझे संघर्ष करना पड़ा। ऐसा इसलिए, क्योंकि मैंने पिछली बार भी कुछ ऐसा ही सुना था। उससे पहले भी लगभग इसी तरह का अभिभाषण सुना था। यह सरकार के कार्यों की एक ही सूची थी।' 

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राहुल गांधी ने कहा, 'देश का भविष्य युवाओं के हाथ में है। इसलिए जो कुछ होना चाहिए उनके लिए होना चाहिए। केंद्र सरकार मेक इन इंडिया लेकर आई, ये अच्छा आइडिया है, लेकिन ये आखिर में फेल साबित हुआ। चार टेक्नोलॉजी गतिशीलता में बदलाव ला रही हैं - इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी, ऑप्टिक्स, AI का इस्तेमाल। एआई अपने आप में अर्थहीन है क्योंकि यह डेटा पर काम करता है। प्रोडक्शन सिस्टम से निकलने वाला हर एक डेटा चीन के स्वामित्व में है। हम भी कास्ट सेंसस में AI की मदद से क्या कुछ नहीं कर सकते हैं। सोशल वेलफेयर में इसका इस्तेमाल हो सकता है। एक तरफ दलित, ओबीसी और आदिवासी संस्थानों और सत्ता में पार्टिसिपेट करें और दूसरी तरफ आधुनिक चीजों में पार्टिसिपेट करके चीन को हराएं।'

राहुल गांधी ने बजट से पहले हुई हलवा सेरेमनी पर कहा कि पिछले बजट में हलवा बांटने वाली फोटो थी, इस बार वह भी नहीं दिखाई। इस बार हलवा खाया लेकिन दिखाया नहीं। तेलंगना में 19 फीसदी दलित, आदिवासी और पिछड़े हैं। देश में ओबीसी की संख्या 50 फीसदी से ज्यादा है। वित्त मंत्री हलवा बांट रही थीं। खिलाया किसे पता नहीं। इनके बारे में नहीं सोचा। भाजपा में ओबीसी सांसद हैं, दलित हैं, आदिवासी भी हैं। याद रखिए, आप 50% से ज्यादा हैं पॉपुलेशन में और आपके पास कोई पावर नहीं हैं।हमने तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण कराया है। हमने पाया कि राज्य की लगभग 90 प्रतिशत आबादी दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों की है। इस देश में कोई भी सबसे बड़ी कॉर्पोरेट कंपनी ओबीसी, दलित या आदिवासी के स्वामित्व में नहीं है।

राहुल गांधी ने आगे कहा, 'हम जब कंप्यूटर लाए तो हमारी हंसी उड़ाई गई। वाजपेयी जी विरोध करते थे, भले मैं उनका सम्मान करता हूं। इस देश के युवाओं को बदलाव के बारे में सोचना चाहिए। ड्रोन क्या है जो बैटरी से चलता है, उसमें कैमरा लगा है। ऐसा ही इलेक्ट्रिक कार को देखें ये इलेक्ट्रिक मोटर है जिसमें बैटरी लगी है। इलेक्ट्रिक मोटर, बैटरी, ऑप्टिक्स और एआई ये आज की चार बुनियादी चीजें हैं। गूगल, फेसबुक सभी कंपनियां डेटा पर काम कर रही है। भारत के पास न तो प्रोडक्शन डेटा न कंजप्शन डेटा है। ये वो चीज है जो युवाओं को पसंद आएगी ताकि रिवोल्यूशन लाया जा सके। हमारा फोकस किस पर होना चाहिए। चीन भारत से 10 साल आगे है। वह टेक्नोलॉजी में आगे है।' 

राहुल ने कहा, 'दूसरा हिस्सा बैंकिंग सिस्टम का है। ये सिस्टम ऐसा होना चाहिए जो आम आदमी तक पहुंच सके। हम डिफेंस के बारे में बात करते हैं, चीन घुसपैठ करके बैठा है लेकिन पीएम इससे इनकार करते हैं जबकि सेना यही मानती है। पीएम चीनी घुसपैठ से इनकार कर सकते हैं जबकि सेना प्रमुख कहते हैं उनकी सेना हमारे क्षेत्र में है। चीन के पास ऐसा सिस्टम है जो बहुत बड़ा है उसके दम पर चीनी सेना हमारी सरहद के अंदर घुसी है। इसलिए मैं कहता हूं कि मेक इन इंडिया पूरी तरह से फेल है क्योंकि हम अपनी रक्षा नहीं कर पा रहे हैं। हम चाइनीज से सामना नहीं कर पा रहे। क्योंकि चाइनीज मोटर, चाइनीज बैटरी और चाइनीज ऑप्टिक का कब्जा है हम उसे खरीद रहे हैं।'

भाषण के आखिर में राहुल ने कहा कि पिछले सत्र में मैंने शिवजी की पिक्चर दिखाई थी। एक कारण था, वह हमें बताती है कि फोकस रखो, भटको मत। काम पर ध्यान दो। शिवजी की फिलॉसफी है कि जो कहना हो वो कहो और जो करना चाहते हो उसे करो। आप सरदार पटेल की बात करते हैं, अंबेडकर की बात करते हैं। उनके मूल्यों को आपने नष्ट कर दिया। आपने बुद्ध के सामने सिर झुकाया, लेकिन उनके मूल्यों को ठुकरा दिया। आप जो हो, वही रहो। लेकिन हिंसा, घृणा की जगह नहीं होनी चाहिए, इससे देश नष्ट हो जाएगा।