सेहत के लिए खतरनाक हैं शुगर फ्री गोलियां, WHO ने किया आगाह

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गैर-शक्कर युक्त मिठास को लेकर नए दिशानिर्देश जारी किए हैं जिनमें आगाह किया है कि मिठास के इन कृत्रिम और प्राकृतिक विकल्पों के सेवन से बचना चाहिए।

Updated: May 17, 2023, 04:05 PM IST

नई दिल्ली। यदि आप अपनी बढ़ी हुई शुगर को कंट्रोल करने के लिए रोजाना शुगर फ्री गोलियों, मिष्ठान का सेवन करते हैं तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंगलवार को कृत्रिम मिठास या गैर-चीनी मिठास (एनएसएस) के खिलाफ चेतावनी जारी की है। मीठे या शक्कर के अत्यधिक सेवन को अक्सर मोटापे, वजन बढ़ाने या फिर हृदय रोग, डायबिटीज और कैंसर जैसे गैर-संचारी रोगों से जोड़कर देखा जाता है।

 
गौरतलब है कि अक्सर चीनी या मीठे के अत्यधिक सेवन को बढ़ते वजन, मोटापे के साथ हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसी बीमारियों को जोड़कर देखा जाता रहा है। यदि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर गौर करें तो यह गैर-संचारी बीमारियां दुनिया भर में होने वाली 74 फीसदी मौतों की वजह हैं, जो हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत का कारण बनता है।


यूएन स्वास्थ्य एजेंसी द्वारा शक्कर और मीठे के सेवन में कमी लाने के लिए सिफारिशें जारी की जाती रही हैं। इस पृष्ठभूमि में, गैर-शक्कर मिठास (non-sugar sweeteners/NSS) का इस्तेमाल एक विकल्प बन गया है। गैर-शक्कर मीठा रसायनों और प्राकृतिक निचोड़ से बनी हुई, शून्य कैलोरी या फिर बहुत कम कैलोरी की ऐसी कृत्रिम या प्राकृतिक मिठास (sweetener) है, जिसे शुगर के विकल्प के रूप में विकसित किया गया हो।

 

डब्ल्यूएचओ ने आगे कहा कि समीक्षा के परिणामों में सुझाव था कि इस तरह के चीनी विकल्प के उपयोग से अवांछनीय प्रभाव थे, जैसे कि वयस्कों में टाइप 2 मधुमेह, हृदय रोगों और मृत्यु दर का खतरा बढ़ गया था। डब्ल्यूएचओ के पोषण और खाद्य सुरक्षा निदेशक फ्रांसेस्को ब्रांका ने डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी एक बयान में कहा, “एनएसएस के साथ मुक्त शर्करा को बदलने से लंबी अवधि में वजन नियंत्रण में मदद नहीं मिलती है।